🔳 लोनिवि की प्रांतीय व निर्माण ईकाई में कनिष्ठ व अवर अभियंताओं के पद रिक्त
🔳 निर्माण ईकाई में चौदह में से महज दो पदों पर है तैनाती, 12 पद खाली
🔳 प्रांतीय खंड में भी सात कनिष्ठ व अवर अभियंता की जरुरत
🔳 सड़कों के साथ ही मुख्यालय में हाईकोर्ट, राजभवन, एटीआई व नैनीताल क्लब की भी जिम्मेदारी
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
नैनीताल जनपद में ग्रामीण व नगरीय सड़कों की मरम्मत व देखरेख करने वाले लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय व निर्माण खंड में कनिष्ठ व अवर अभियंताओं के कई पद रिक्त होने से सैकड़ों किलोमीटर लंबाई की सड़कों की देखरेख भारी पड़ने लगी है। विभागीय अधिकारी बामुश्किल कार्य संचालित कर रहे हैं। निर्माण खंड ईकाई में ही अकेले 14 में से 12 जबकि प्रांतीय खंड में सात कनिष्ठ व अवर अभियंताओं के पद रिक्त पड़े हैं। यह हालत तब हैं जब दोनों डिवीजनों में सरकारी बजट से करोड़ों रुपये के कार्य गतिमान है।
जनपद में सरकारी व्यवस्था राम भरोसे संचालित है। सरकारी पदों पर नियुक्ति न होने व कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद नई तैनाती न होने से जनपद में अधिकांश पद प्रभारियों के भरोसे संचालित है। गांवों में हालात और ज्यादा विकट है। बेतालघाट ब्लॉक में ही शिक्षा विभाग में कई महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं। प्रवक्ताओं, प्रधानाचार्य व बीईओ व एबीओ तक का कार्यभार प्रभारियों के हवाले हैं वहीं अब सड़कों की देखरेख व मरम्मत को तैनात अवर अभियंताओं का भी संकट खड़ा हो गया है। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के पास जनपद में साढ़े पांच सौ किलोमीटर लंबाई की सड़कों के साथ ही जिला मुख्यालय में राजभवन, एटीआई व नैनीताल क्लब की देखरेख की जिम्मेदारी भी है पर कनिष्ठ व अवर अभियंताओं के चौदह में से महज दो पदों पर हैं कर्मचारी तैनात हैं जबकि बाहर पद खाली पड़े हैं। प्रांतीय खंड में भी हालात ज्यादा ठिक नहीं है। हाईकोर्ट, नैनीताल शहर के साथ ही लोनिवि प्रांतीय खंड के पास चार सौ किलोमीटर लंबाई की सड़कों का जिम्मा है पर 14 अवर व कनिष्ठ अवर अभियंता के पदों के सापेक्ष महज सात पदों पर ही कर्मचारी तैनात हैं। विभाग की रीढ़ माने जाने वाले अवर अभियंताओं के पदों पर कर्मचारियों की कमी से विभाग के कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण सड़कों की निगरानी व देखरेख भी भारी पड़ती जा रही है। लोनिवि निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता हीरा सिंह के अनुसार रिक्त पदों की सूचना प्रत्येक महीने शासन को भेजी जाती है। कनिष्ठ व अवर अभियंताओं की कमी से बामुश्किल कार्य संचालित किया जा रहा है।