🔳बेहतर उत्पादन से बढ़ने लगी चाय फैक्ट्री की उम्मीदें
🔳नौ ग्राम पंचायतों में पचास हेक्टेयर में स्थापित हो चुके बागान
🔳पांच लाख पौधों की नर्सरियां भी हो रही संचालित
🔳तीन सौ से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहा चाय बोर्ड
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
बेतालघाट घाटी अब चाय उत्पादन के क्षेत्र में पहचान बनाने लगी है। लगातार बढ़ रहे उत्पादन से अब चाय फैक्ट्री की उम्मीदें भी बढ़ने लगी है। वर्तमान में नौ ग्राम पंचायतों में पचास हेक्टेयर में बागान में चाय उत्पादन किया जा रहा है। चाय विकास बोर्ड के प्रबंधक नवीन चंद्र पांडे के अनुसार बेहतर उत्पादन से बेतालघाट में चाय फैक्ट्री के स्थापित होने की उम्मीदें बढ़ चुकी है।
सब्जी व फल उत्पादन के क्षेत्र में विशेष पहचान रखने वाले बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में अब चाय उत्पादन भी अग्रणी योगदान दे रहे हैं। वर्ष 2015 में चाय विकास बोर्ड के बेतालघाट घाटी में कदम रखने के बाद से किसानों ने बंजर हो चुके खेतों में नर्सरी स्थापित करनी शुरु की। टी बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों कि विशेष देखरेख में शुरु हुई नर्सरियों में उत्पादन शुरु होने से स्थानीय लोगों को भी बेहतर रोजगार उपलब्ध होने लगा। वर्तमान में बेतालघाट ब्लॉक के घूना, पाडली तथा डोलकोट गांव में करीब पांच लाख पौधों की नर्सरी भी संचालित है। जबकि सिल्टोना, बारगल, सीम, ज्योग्याडी, सिमलखा, डोलकोट, जजूला तथा डोबा गांव में लगभग पचास हेक्टेयर क्षेत्रफल में बागान भी संचालित है। नर्सरियों व बागानों में लगभग 62 किसानों के साथ ही क्षेत्र के 280 लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है। बकायदा यहां के बागानों से घोड़ाखाल स्थित चाय फैक्ट्री में पत्तियां भी भेजी जा रही है। कोसी घाटी की उर्वर मिट्टी तथा बेहतर आबोहवा चाय उत्पादन के लिए मुफीद साबित हो रही है। चाय विकास बोर्ड घोड़ाखाल के प्रबंधक नवीन चंद्र पांडे के अनुसार उत्पादन और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन से बेतालघाट ब्लॉक में चाय फैक्ट्री स्थापित होने की उम्मीद भी बढ़ गई है।