= कुंवारी भतीजी को गर्भवती करने का था आरोप
= तीन महीने बाद कब्र से निकालकर किया पोस्टमार्टम
= उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार्जसीट को निरस्त कर आरोपी हरीश को किया बरी
((( नैनीताल से मुनीब रहमान की रिपोर्ट)))
भतीजी को गर्भवती कर हत्या के आरोपी को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने चार्जसीट और सम्मन आदेश को निरस्त कर कहा कि आरोपों में सत्यता नहीं पाई गई है। दरअसल भतरौजखान के पनुवाद्योखन की युवती ने 23 जुलाई 2020 की घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले के आरोप चाचा हरीश पर लगा कि उसकी अपनी भतीजी से प्रेम प्रसंग था। मृतका की बहन ने अपनी माँ को बताया कि उसकी दीदी का हरीश से प्रेम प्रंसग था और वो हरीश से गर्भवती थी। शादी के लिए माना करने पर आत्महत्या कर ली। हालांकि इस दौरान हुए पोस्टमार्टम के दौरान मेडिकल जांच में साफ हो गया कि युवती गर्भवती नहीं थी। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया तो मृतका की मां ने पुलिस जांच पर सवाल खड़े तो तीन महीने बाद कब्र से शव को निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम किया गया लेकिन तब भी कोई जानकारी युवती के गर्भवती होने नहीं मिली। इसी बीच पुलिस ने धारा 306 में चार्जसीट भिकियासैंण कोर्ट में दाखिल की तो उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसके बाद आरोपी ने कोर्ट सम्मन और चार्जसीट को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसको हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।