= पानी और दूध की आपूर्ति भी हुई सुचारू
= रंग लाया क्षेत्रवासियों का संघर्ष
= आठ घंटे लगातार धरना देने के बाद जागा प्रशासन
(((हरीश चंद्र/महेंद्र कनवाल/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))
लोगों के आंदोलित होने के बाद अब जिला प्रशासन हरकत में आ गया है हल्द्वानी से हेलीकॉप्टर के जरिए राहत सामग्री खैरना भिजवाए जाने का कार्य शुरू कर दिया है। हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने पर स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली।
शुक्रवार को कोसी घाटी के उपर हेलीकॉप्टर मंडराने से लोग अचरज में आ गए। बाद में हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाए जाने से स्थिति स्पष्ट हुई। तहसील प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से खैरना में राहत सामग्री का उतारने का इंतजाम किया पर तकनीकी कारणों से जीआइसी खैरना में हेलीकॉप्टर नहीं उतर सका। बाद में जीआइसी भुजान में राहत सामग्री उतारी गई। अब राहत सामग्री आपदा प्रभावितों को वितरित की जाएगी। सामग्री पहुंचने से अब स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं क्षेत्र में पेयजल व दूध की आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है।
शिप्रा नदी का रुख बदलने को भी उतारी मशीन
गुरुवार को क्षेत्रवासियों के आठ घंटे धरना देने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। क्षेत्रवासियों की मांग पर शिप्रा नदी की धारा को बदलने के लिए पोकलैंड मशीन शिप्रा नदी में उतार दी गई है। करीब चालीस से ज्यादा मकानो को बचाने के लिए पोकलैंड मशीन नदी का रुख बदलने का कार्य करेगी। शिप्रा नदी के पानी से लगातार भू कटाव बढ़ रहा है। ऐसे में पानी का बहाव बदल घरों को सुरक्षित करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया।