◾ एक दर्जन से ज्यादा मवेशी बीमार, पशुपालक परेशान
◾ लंपी बिमारी से मिलते जुलते लक्षण से गांव में हड़कंप
◾ गांव में शिविर लगाकर पशुओं के उपचार व पशुपालकों को मुआवजा देने की उठी मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लाक के तमाम गांवों में गोवंशीय पशुओं के बिमारी होने से पशुपालको की चिंता बढ़ते ही जा रही है। खेती बाड़ी चौपट होने के बाद अब गांवों में आय का एकमात्र जरिया पशुपालन का कार्य भी प्रभावित होता जा रहा है। रतौडा़ गांवों में आधा दर्जन मवेशी दम तोड़ चुके हैं जबकी एक दर्जन से ज्यादा मवेशी बिमारी है। लोगों ने गांव में शिविर लगाकर पशुओं का उपचार करने तथा पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।

ब्लाक के तल्ली व मल्ली पाली तथा घिरोली गांव में मवेशियों के बिमार पड़ने के बाद अब समीपवर्ती रतौडा़ गांव में भी पशुओं में संक्रामक लंपी बिमारी से मिलते जुलते लक्षण दिखने लगे हैं। बिमारी से जूझ रहे आधा दर्जन से ज्यादा मवेशी दम तोड़ चुके हैं। गांव के पशुपालक टीका सिंह, पूरन सिंह, भुवन सिंह, चंदन सिंह, दीवान सिंह के मवेशियों की मौत हो चुकी है जबकि लगभग एक दर्जन से ज्यादा पशुपालकों के मवेशी बिमारी है। पशुपालकों के अनुसार मवेशियों में लंपी बिमारी से मिलते जुलते लक्षण है। मवेशियों के दम तोड़ने तथा बिमार होने से पशुपालको की चिंता बढ़ते ही जा रही है। कोसी घाटी जन सेवा समिति उपाध्यक्ष दयाल दरमाल, मदन सिंह, मनोज दरमाल, शेर सिंह, कुबेर सिंह, टीका सिंह आदि ग्रामीणों ने गांव में शिविर लगाकर पशुओं का उपचार करने तथा प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।