🔳हाइवे से सटे गांवों में बन चुके आंतक का पर्याय
🔳पशुपालकों के मवेशियों को आए दिन बना रहे निवाला
🔳लगातार आवाजाही तेज होने से गांव के बाशिंदे खौफजदा

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे तमाम गांवों में अब गुलदार शिकार की तलाश में दिन दोपहर ही गांवों के नजदीक तक पहुंच जा रहे हैं। महिलाओं व बच्चों का घर से निकलना दूभर हो चुका है। लगातार आवाजाही तेज होने व एक के बाद एक मवेशियों के मारे जाने से गांव के बाशिंदे खौफजदा हैं। ग्रामीणों के अनुसार गुलदार के आंतक को रोकने में वन विभाग भी नाकाम साबित हो रहा है और खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

हाइवे से सटे लगभग एक दर्जन से भी अधिक गांवों में गुलदार का आंतक सिर चढ़कर बोल रहा है। दिन के उजाले में ही गुलदार घरों के नजदीक तक पहुंच जा रहे हैं ऐसे में खतरा कई गुना बढ़ चुका है। सड़का, गडस्यारी, बडसीला, बेड़गांव समेत आसपास के तमाम गांवों के बाशिंदे दहशत में हैं। ग्रामीणों के अनुसार आसपास के गांवों में करीब चार पांच गुलदार लगातार सक्रियता बडा़ रहे हैं कुछ महिनों में ही लगभग तीस से भी ज्यादा मवेशी मारे जा चुके हैं। दहशत के माहौल में बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर सता रहा है जबकि महिलाएं भी खेतो में जाने से डरने लगी है। मवेशियों के लगातार मारे जाने से पशुपालकों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। आरोप लगाया है की वन विभाग भी गुलदारों की बढ़ती घुसपैठ रोकने में नाकाम साबित होता जा रहा है जिस कारण जोखिम दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। स्थानीय महेंद्र सिंह, शेर सिंह, राजेंद्र सिंह, शोभन सिंह, बचे सिंह, कमल सिंह, श्याम सिंह, नंदन सिंह आदि ने गांवों के प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा देने तथा गांव में लगातार बढ़ रही घुसपैठ रोकने को ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है। अंदेशा जताया है की यदि अनदेखी की गई तो कभी भी बड़ी घटना सामने आई सकती है।