= बदहाल हालत में पहुंची गांव की सड़के
= लोगो ने उठाई सड़को की हालत में सुधार की मांग
(((कुबेर सिंह जीना/महेंद्र कनवाल/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
गांव गांव नई सड़को का निर्माण किया जा रहा है पर पहले से बनी सड़के बदहाल हालत में है। बद से बदतर हालत में पहुंच चुकी है। सड़को की कोई सुध नही ले रहा। उपेक्षा से गांव के लोगों का गुस्सा भी बढ़ता ही जा रहा है।
गांव गांव सड़क निर्माण को जाल बिछाया जा रहा है पर हैरत की बात यह है कि पूर्व से ही गांवो की लाइफ लाइन की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। देखरेख के अभाव में सड़के बदतर हालत में पहुंच चुकी है दुर्घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण जान हथेली पर आवाजाही करने को मजबूर है कई बार सड़क दुरुस्त करने की आवाज उठाई जा चुकी हो पर कोई सुनवाई नहीं हो रही महज आश्वासन दिए जा रहे हैं। सड़को पर गड्डो में डामर की जगह पत्थर, मिट्टी भर दी जा रही है जिससे विभाग की कार्यशैली भी उजागर हो रही है। लाखों करोड़ों खर्च होने के बाद डामर की जगह मिट्टी तमाम सवाल खड़े कर रहा है। आवाजाही में दुर्घटना का खतरा बना हुआ है कई बाइक सवार रपटकर चोटिल भी हो चुके हैं। ग्रामीणों ने बदहाल हालत में पहुंच चुकी गांवो की सड़कों को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार ना किया गया तो सड़क पर उतर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।