🔳 अलग अलग राज्यों से कैंची धाम पहुंचे श्रद्धालु
🔳 टीम तीखी नजर से साझा किए विचार
🔳 बोले – बाबा का आदेश हो गया और पहुंच गए कैंची धाम
[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]]]
देश विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र सुप्रसिद्ध कैंची धाम में स्थापना दिवस पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले में भागीदारी को विभिन्न राज्यों से बाबा भक्त कैंची धाम पहुंचने लगे हैं। स्थापना दिवस पर बाबा के दर पर मत्था टेकने को पहुंच रहे श्रद्धालु खुद को भाग्यशाली मानते हैं। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, गुजरात, लखनऊ, प्रयागराज जैसे शहरों से पहुंचे श्रद्धालु आश्रम परिसर में सेवा भी करेंगे। कई बाबा भक्त हनुमान चालीसा के पाठ में भी जुटे गए हैं। बाबा के प्रति आस्था व श्रद्धा का ऐसा समावेश है की बाबा भक्तों के कई परिवार मंदिर परिसर के ठिक सामने बन रहे पाथवे किनारे ही हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं से टीम तीखी नजर ने बातचीत की तो बाबा ने कुछ इस प्रकार विचार व्यक्त किए।
जयपुर के मालवीय नगर से पहुंची नंदनी खांडल बोली
पिछले डेढ़ वर्ष से बाबा के धाम पहुंचने की कोशिश कर रही थी पर अब बाबा का आदेश मिला। कैंची धाम पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है। स्थापना दिवस पर कैंची धाम में रहना बहुत बड़ा सौभाग्य है। ऐसा लगता है जैसे बाबा ने मनोकामना पूरी कर दी।
बाराबंकी से पहुंची सोनम यादव बोली
पहली बार परिवार के साथ बाबा नीम करौरी के धाम पहुंची हूं। यहां पहुंचकर स्थापना दिवस की जानकारी मिली। लौटना था पर अब स्थापना दिवस पर प्रसाद पाकर ही वापसी करेंगे। बाबा के अन्य धामों की भी यहां पहुंचकर जानकारी मिली है।
सोनम यादव, बाराबंकी
अहमदाबाद के नितेश मेहता ने कहा
जिस नौकरी से जुड़ा था वह छोड़ दी है मन अशांत था। बाबा के धाम के बारे में जानकारी मिली और दौड़ा चला आया। यहां आकर मन को शांति मिली है। बाबा नीम करौरी के आर्शीवाद से जल्द ही अब खुद का काम शुरु करुंगा। स्थापना दिवस तक यहीं रहने का मन बनाया है।
बिहार से पहुंचे भरत उपाध्याय बोले
स्थापना दिवस पर लाखों श्रद्धालुओं के कैंची धाम पहुंचने की जानकारी मिली। मन में विचार आया की बाबा के धाम पहुंच जाऊं। एकाएक प्रोगाम बना और कैंची धाम पहुंच गया। सब कुछ बाबा के आदेश पर निर्भर है। शायद मुझे बाबा ने बुला लिया।