पूरे मनोयोग से कार्य करने के बावजूद उपेक्षा से आहत हैं कर्मी
फिर उठाई संविदा का दर्जा दिए जाने की मांग

गरमपानी : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने चाय विकास बोर्ड के अंतर्गत पदों के सर्जन की मांग उठाई है। वर्षों से कार्यरत संविदा व दैनिक कर्मियों ने बोर्ड के अंतर्गत पदों को सृजित कर पदों के अनुरूप कार्मिकों को समायोजन की जाने की मांग की है।
बोर्ड के दैनिक कर्मियों में आज तक पद सृजित ना होने से निराशा है। बोर्ड के अंतर्गत कई कार्मिक ऐसे हैं जो सुपरवाइजर, सहायक सुपरवाइजर, लिपिक के तौर पर चाय फैक्ट्री में कार्यरत हैं। जिन्हें संविदा दैनिक वेतन पर कार्य करते हुए लगभग 15 वर्ष से भी ज्यादा समय बीत गया है लेकिन बोर्ड में पद सृजित ना होने के कारण कार्मिकों के सामने भारी संकट है। वर्ष 2015 में चाय विकास बोर्ड के लगभग 56 दैनिक कार्मिकों की संविदा में नियुक्ति की गई पर एक वर्ष बाद विभाग में संविदा नियुक्ति को निरस्त कर दिया जिससे 56 कार्मिकों के आगे भारी संकट पैदा हो गया है पूरी निष्ठा व मनोयोग से सभी कार्मिक आज भी बोर्ड में कार्यरत हैं पर संविदा कर्मियों का दर्जा नहीं मिल सका है। नैनीताल विधायक संजीव आर्या के प्रयासों से कई सुविधाएं मिली। वर्ष 2019 में कैंची धाम पहुंचे श्रम मंत्री हरक सिंह रावत से नैनीताल विधायक संजीव आर्या ने बोर्ड के दैनिक कर्मियों को श्रम विभाग के द्वारा दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन दिए जाने पर वार्ता की जिसके बाद दैनिक कर्मियों को 316 रुपये प्रतिदिन दिया जाने लगा। विधानसभा सत्र के दौरान भी विधायक संजीव ने प्रदेश के उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल को चाय बोर्ड के दैनिक कर्मियों को संविदा नियुक्ति दिए जाने के लिए पत्र सौंपा। उद्यान मंत्री ने सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। तत्कालीन बोर्ड उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलखवाल को भी कार्मिको ने पद सृजित करने संबंधी ज्ञापन दिया। वेतनभोगी कर्मचारियों का कहना है कि पूरे मनोयोग से काम करने के बावजूद उन्हें आज तक संविदा कर्मियों का दर्जा नहीं मिल सका है। कार्मिकों ने संविदा कर्मियों का दर्जा किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।