◾शिप्रा नदी के तबाही मचाने के बाद भी सुरक्षात्मक कार्यों का इंतजार
◾कई आवासीय भवन हो चुके ध्वस्त कई खतरे की जद में
◾ दो वर्ष बीते पर नहीं ली गई है सुध, क्षेत्रवासियों में नाराजगी

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

आपदा प्रभावित गरमपानी खैरना बाजार क्षेत्र को बचाने को अब तक पहल न किए जाने से क्षेत्रवासियों में नाराजगी है। आपदा में कई भवन ध्वस्त होने तथा कई भवनों के आज भी खतरे के मुहाने पर होने के बावजूद सुरक्षात्मक कार्य नहीं हो सके हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र की अनदेखी भविष्य में बडी़ घटना की ओर इशारा कर रही है।

दरक रहे जोशीमठ से हर कोई सख्ते में आ गया है। कई चेतावनी के बाद अब जब जोशीमठ खतरे में आ चुका है तब सरकारी मशीनरी सक्रियता दिखाई रही है। कुछ ऐसे ही हालात हाईवे पर स्थित गरमपानी खैरना क्षेत्र के भी है। दो वर्ष पूर्व अक्टूबर में मूसलाधार बारिश के बाद उफान में आई बाजार के ठिक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी ने खूब तबाही मचाई। कई आवासीय भवन नदी में समा गए तो कई भवन दरक गए। दो वर्ष बितने के बावजूद आज तक बाजार को बचाने को ठोस पहल नहीं की जा सकी। लगातार आवाज उठने के बाद भी आज तक नदी क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा के कार्य नही हो सके हैं। जिस कारण बाजार के अस्तित्व पर संकट बना हुआ है। क्षेत्र के भैरव नैनवाल, मनोज नैनवाल, कैलाश कांडपाल, गंगा सिंह, धन सिंह, हरक सिंह पिनारी आदि ने सुरक्षा कार्यों में लेटलतीफी को भविष्य के लिए खतरे का संकेत बताया है।क्षेत्रवासियों ने समय रहते नदी क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्य करवाए जाने की मांग दोहराई है ताकी बरसात के समय सामने आने वाले खतरे को टाला जा सके।