= पुल की बुनियाद में किए गए सुरक्षात्मक कार्य
= विभागीय अधिकारियों ने किया निरीक्षण सुरक्षात्मक कार्यों को और ऊंचा करने के दिशा निर्देश
= निर्माणाधीन पुल का भी लिया जाएगा
(((सुनील मेहरा/कुबेर सिंह जीना/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद को जोड़ने वाले ऐतिहासिक रानीखेत पुल को बाढ़ के थपेड़ों से बचाने को कवायद तेज हो गई है। वर्षों पुरानी पुल की बुनियाद में वायरक्रेट लगा दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने निरीक्षण कर सुरक्षाकार्यो को ऊंचा करने के निर्देश दिए। वहीं निर्माणाधीन नए पुल के निर्माण कार्यो का भी जायजा लिया गया।
बाढ़ के थपेड़ों से लगातार कमजोर हो रही ब्रितानी दौर की ऐतिहासिक व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत पुल को बचाने के लिए एनएच विभाग ने कमर कस ली है पूर्व में हुई मूसलाधार बारिश से बाढ़ का पानी पुल की बुनियाद तक पहुंच गया था। बरसाती मौसम को देखते हुए पुल की बुनियाद के समीप वायरक्रेट (पत्थरों का जाल) लगा दिया गया है। सहायक अभियंता एमसी जोशी के नेतृत्व में एनएच की टीम ने मंगलवार को पुल की बुनियाद का निरीक्षण किया। विभागीय अधिकारियों ने कार्यदाई संस्था को सुरक्षा कार्यों को और ऊंचा करने के निर्देश दिए ताकि खतरा और कम किया जा सके वही समीप ही बन रहे निर्माणाधीन पुल का भी जायजा ले समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए गए। विभागीय टीम ने चेतावनी दी की कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सहायक अभियंता एमसी जोशी के अनुसार ब्रितानी दौर की पुल को बचाने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। फिलहाल वायरक्रेट लगा उन्हें ऊंचा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। आवश्यकता पड़ी तो बुनियाद पर और सुरक्षात्मक कार्य कराए जा सकते हैं। लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस दौरान अपर सहायक अभियंता केएस बोरा, विनोद कुमार, अवर अभियंता पीके तिवारी आदि मौजूद रहे।