◾ बेहद कम पैदावार से बीज तक की कीमत निकलना मुश्किल
◾ लगातार नुकसान से खेतीबाड़ी से होता जा रहा मोहभंग
◾ किसानों को मुआवजा दिए जाने की उठी मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी घाटी क्षेत्र में किसानों की उपज सूखे की चपेट में आकर बर्बाद होते जा रही है। तमाम फसलों के खराब होने के बाद अब मटर की पैदावार भी प्रभावित हो गई है। किसानों के अनुसार बीज की कीमत तक वसूल नहीं हो सकी है। पहले की अपेक्षा 25 फीसद तक उपज नहीं हो सकी है।किसानों ने मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
कोरोनाकाल के बाद से ही कोसी घाटी के कास्तकार लगातार नुकसान उठा रहे हैं। दो वर्ष पूर्व आपदा ने किसानों के खेतों को ध्वस्त कर डाला। मुआवजे के तौर पर समुचित धनराशि भी नहीं मिल सकी। बामुश्किल किसानों ने हाड़तोड़ मेहनत खेतों को दुरुस्त कर खेतीबाड़ी शुरु कि पर अब इंद्रदेव के मुंह फेर लेने से खेतीबाड़ी चौपट हो गई। तमाम नगदी फसलों के खराब होने के बाद मटर की उपज पर भी सूखे की मार पड़ीं है। लगातार नुकसान होने से किसानों का खेतीबाड़ी से मोहभंग होता जा रहा है। बेतालघाट ब्लॉक के जजूला, सिल्टोना, गरजोली, ब्यासी, दड़माडी, बारगल, कफूल्टा, लोहाली आदि गांवों में उपज प्रभावित हुई है। कास्तकार सोबन सिंह, भगवत सिंह, भुवन चंद्र, शिवदत्त, आंनद सिंह के अनुसार महज 25 फीसद ही पैदावार हुई है। सूखे की चपेट से उपज चौपट हो चुकी है। किसानों के अनुसार बीज की कीमत तक वसूल नहीं हो सकी है। किसानों ने उपज का उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई हैं।