◼️ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव ने लगाया आरोप
◼️नौ माह बाद भी दुरुस्त नहीं हो सकी सिंचाई नहरे
◼️ तमाम नगदी फसलों के साथ अब धान की रोपाई भी प्रभावित

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कोसी घाटी क्षेत्र में विभागीय उपेक्षा से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव ने किसानों को हुई क्षति के लिए सिंचाई विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप लगा है कि आपदा से ध्वस्त सिंचाई नहरों को दुरुस्त नहीं किया जा सका जिससे किसानों कि धान की रोपाई प्रभावित हो चुकी है।
बेतालघाट क्षेत्र के किसानों को पहले कोरोनाकाल व आपदा से भारी नुकसान हुआ अब विभागीय उपेक्षा से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र की तमाम सिंचाई नहरे बीते नौ महीने से खस्ता हालत में है जिस कारण किसान के खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच रहा। तमाम नगदी फसलें पहले ही चौपट हो चुकी हैं। अब धान की रोपाई भी प्रभावित होने के कगार पर है। लगातार हो रहे नुकसान से अब किसानों का खेतीबाड़ी से मोहभंग होने लगा है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी ने आरोप लगाया है कि विभागीय उपेक्षा से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। नौ माह पूर्व ध्वस्त सिंचाई नहरों को आज तक दुरुस्त नहीं किया जा सका जिस कारण पूरे क्षेत्र में धान की रोपाई प्रभावित हो चुकी है। पूर्व में कई फसलें चौपट हुई हैं। आरोप लगाया है कि संबंधित विभाग किसानों की उपेक्षा पर आमादा है। प्रदेश सचिव ने किसानों को क्षति का उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।