◾उपेक्षा से आहत किसानों ने शुरू किया तटबंध व नहर मरम्मत का कार्य
◾कई बार उठाई आवाज पर नहीं हो सकी सुनवाई
◾उपेक्षा से किसानों में है नाराजगी

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

खेतों में सिंचाई के बूंद-बूंद पानी को तरस रहे काश्तकारों ने आखिरकार खुद ही नहर में पानी चलाने को जद्दोजहद शुरू कर दी है। विभागीय उपेक्षा से आहत कुंजगढ़ घाटी के किसान नदी क्षेत्र से सिंचाई नहर का तटबंध तैयार करने में जुट गए हैं।विभागीय उपेक्षा पर काश्तकारों ने नाराजगी भी जताई है।

बीते वर्ष अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश से टूनाकोट व आसपास के गांवो के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनाई गई सिंचाई नहर का तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया साथ ही नहर भी जगह-जगह ध्वस्त हो गई। किसानों ने कई बार तटबंध बनाने तथा सिंचाई नहर को दुरुस्त करने की मांग उठाई पर सुनवाई ना हो सकी। आखिरकार उपेक्षा से आहत किसानों ने अब खुद ही तटबंध बनाने का जिम्मा उठा लिया है। क्षेत्र के आनंद सिंह, सुनील मेहरा, बचे सिंह, गोपाल सिंह, निर्मल, शंकर आदि किसान कुंजगढ़ नदी पर नहर का तटबंध बनाने में जुटे हुए हैं। किसानों के अनुसार फसल को पानी की जरूरत है पर विभागीय उपेक्षा से नहर की मरम्मत का कार्य नहीं हो सका है। ऐसे में अब खुद ही तटबंध बनाना मजबूरी बन चुका है। ग्रामीणों के अनुसार फसलें चौपट होती जा रही हैं बावजूद विभागीय अधिकारी सुध नहीं ले रहे अब खुद ही तटबंध बनाने के साथ नहर मरम्मत करनी पड़ रही है।