= आवाजाही में ग्रामीणों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना
= जल्द डामरीकरण की उठाई मांग
(((महेंद्र कनवाल/कुबेर सिंह जीना/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
गांवो को जोड़ने वाली सड़कें बदहाली का दंश झेल रही है। दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। बावजूद कोई सुध लेने वाला नहीं है। दुर्घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।
बेड़गांव शीतलाखेत रोड पर डामरीकरण किए जाने की पुरजोर मांग उठी है। मोटर मार्ग से तमाम गांवों के लोग आवाजाही करते हैं। वर्ष 2011 में मोटर मार्ग पर डामरीकरण की स्वीकृति भी मिल चुकी है पर आज तक मोटर मार्ग पर डामरीकरण नहीं हो पाया जिस कारण ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रात के वक्त खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई बार मांग उठा चुके हैं पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा। स्थानीय टीका सिंह, मोहन सिंह, लक्ष्मण सिंह, मदन सिंह आदि लोगों का कहना है कि डामरीकरण की स्वीकृति मिलने के बावजूद डामरीकरण ना हो पाना समझ से परे है। ग्रामीणों ने तत्काल मोटर मार्ग पर डामरीकरण किए जाने की मांग की है। स्पष्ट किया है कि यदि समय रहते डामरीकरण नहीं किया गया तो फिर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।