◾कोसी घाटी जन विकास समिति उपाध्यक्ष ने उठाई मांग
◾बाढ़ से खेती को लगातार नुकसान से किसान मायूस
◾बर्धो से बेतालघाट तक किए जाएं बाढ़ सुरक्षा कार्य
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी नदी के उफान से किसानों की खेती बचाने को बर्धो से बेतालघाट तक कृर्षि भूमि की सुरक्षा को बाढ़ सुरक्षा कार्यों की मांग जोर पकड़ने लगी है। कोसी घाटी जन विकास समिति उपाध्यक्ष दयाल दरमाल ने किसानों के हित में कृर्षि भूमि बचाने को बाढ़ सुरक्षा कार्यों की पुरजोर मांग उठाई है। अंदेशा जताया है की यदि अनदेखी की गई तो भविष्य में कोसी घाटी में खेतीबाड़ी खत्म हो जाएगी।
जीवनदायिनी कोसी नदी से सटे बर्धो, रतौडा़, नैनीचैक, तिवाड़ी गांव, आमबाडी़ समेत तमाम गांवों के कास्तकारो की खेती कोसी नदी तट के आसपास है। समुचित पानी होने से उपज की भी बेहतर पैदावार होती है पर बरसात में कोसी नदी का उफान खेतों तक पहुंच जाता है जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। वर्ष 2010 में हुई मूसलाधार बारिश के बाद उफान में आई कोसी नदी ने किसानों की कृर्षि भूमि को पलभर में ही रोखड़ में तब्दील कर दिया। क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब भी बारिश होने व कोसी नदी का बहाव तेज होने पर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा जाती है। कोसी घाटी जन विकास समिति उपाध्यक्ष दयाल सिंह दरमाल के अनुसार क्षेत्र के किसान वर्ष भर हाड़तोड़ मेहनत करते हैं पर बरसात में नुकसान उठाना पड़ता है। दयाल दरमाल ने बर्धो से बेतालघाट क्षेत्र तक किसानों की कृर्षि भुमि बचाने को कोसी नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य करवाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके।