🔳अस्पताल भवन के मरम्मत का तैयार होगा प्रस्ताव
🔳व्यवस्था चाक चौबंद होने के बाद पशुधन प्रसार अधिकारी के जिम्मे संचालित होगा अस्पताल
🔳 तीखी नजर समाचार पोर्टल में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित होने के बाद हरकत में आया विभाग
🔳लाखों रुपये की लागत से बना है पशु अस्पताल का भवन
🔳जिम्मेदारों की अनदेखी से बिगड़ चुके हैं हालात

(((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के सुदूर जिनौली गांव के लोधिया तोक में वर्षों पूर्व बन चुके पशु अस्पताल के विरान पड़े होने होने का मामला तीखी नजर समाचार पोर्टल में जोर शोर से उठने के बाद अब पशुपालन विभाग हरकत में आ गया है। विरान पड़े पशु अस्पताल की मरम्मत के लिए अब प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। मरम्मत के बाद बकायदा कर्मचारियों की तैनाती भी होगी। पशु चिकित्सा अधिकारी डा. नेहा चौधरी के अनुसार जल्द अस्पताल भवन का निरीक्षण कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।

गांवों के अंतिम छोर तक विकास पहुंचाने के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे है। गांवों के बाशिंदों को सुविधाएं उपलब्ध कराने को सरकार बजट तो खूब उपलब्ध करा रही है पर जिम्मेदारों की लापरवाही से बजट की बर्बादी हो रही है। जिनौली गांव के लोधिया तोक में लगभग साढ़े छह लाख रुपये की लागत वर्ष 2007 में बना पशु अस्पताल का भवन बनकर तैयार हो गया। भवन के अस्तित्व में आने के बाद वहां एक पशुधन प्रसार अधिकारी की भी तैनाती कर दी गई। उम्मीद जगी की गांवों के पशुपालकों को लाभ मिल सकेगा पर उम्मीदें परवान नहीं चढ़ सकी। कुछ समय बाद पशुधन प्रसार अधिकारी के स्थानांतरण के बाद हालात बिगड़ते चले गए। लोधिया गांव में बना भवन भी देखरेख के अभाव में बिमार पड़ने लगा। धीरे धीरे भवन जर्जर हालत में पहुंच गया। देखरेख न होने दरवाजे व खिड़कियां भी टूट गई। गांव के बाशिंदों ने बीते दिनों व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई। तीखी नजर समाचार पोर्टल ने जनहित से जुड़ा मुद्दा जोर-शोर से उठाया। खबर प्रकाशित होने के बाद अब पशुपालन विभाग भी हरकत में आ गया है। लोधिया गांव में लाखों रुपये की लागत से बने पशु अस्पताल से पशुपालकों को लाभ दिलाने की कवायद भी शुरु कर दी गई है। चिकित्सा प्रभारी डा. नेहा चौधरी के अनुसार पूर्व में एक पशुधन प्रसार अधिकारी की तैनाती गांव में थी उनके स्थानांतरण के बाद दूसरे पशुधन प्रसार अधिकारी को जिम्मा सौंपा गया है। अस्पताल भवन का जल्द निरीक्षण कर मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। प्रयास किए जाएंगे की पशु अस्पताल से ही गांव के पशुपालकों को लाभ मिल सके। अस्पताल भवन की मरम्मत को जद्दोजहद शुरु होने पर स्थानीय लोगों नहीं खुशी व्यक्त की है।