= लगातार नुकसान झेलने के बाद भी व्यापारियों में सब कुछ ठीक होने की उम्मीद
= पिछले दो वर्ष कोरोना ने दिया झटका फिर आपदा ने जख्म किए हरे
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
आपदा ने जख्म व्यापारियों व स्थानीय लोगों को दिए वह ताउम्र नहीं भुलाया जा सकते। पिछले दो वर्ष कोरोना की मार झेल रहे व्यापारियों के जख्म आपदा ने हरे कर दिए। बुरी तरह टूट चुका व्यापारी वर्ग खासा परेशान है बावजूद दीपावली महापर्व पर नई उमंग के साथ एक बार फिर सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले डट गया है।
अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गरमपानी खैरना, सुयालबाडी़ समेत आसपास के व्यापारी पिछले दो वर्षों से कोरोना की मार झेल रहे थे।कोरोना ने काफी नुकसान किया अब जब दीपावली पर्व पर सब कुछ ठीक होने वह बेहतर बिक्री होने की उम्मीद में व्यापारियों ने वापसी की तो ठीक समय पर आपदा ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। क्षेत्र के व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। कई मकान जमींदोज हो गए काफी सामान भी शिप्रा नदी की भेंट चढ़ गया हालांकि प्रशासन ने मुआवजा भी दिया पर वह नाकाफी ही साबित हुआ है। दीपावली महापर्व पर व्यापारियों ने बेहतर बिक्री होने के मद्देनजर बड़े बाजारों से सामान खरीदा पर फिर भी बाजारों में भीड़ नहीं जुट पाई जिसका सीधा असर व्यापारियों पर पड़ा। उम्मीद के मुताबिक बिक्री ही नहीं हो सकी फिर भी व्यापारी उम्मीद की किरणों के साथ दीपावली महापर्व पर बाजार में डटा हुआ है। उम्मीद है कि दीपोत्सव महापर्व पर व्यापारियों को कुछ राहत मिल सके।