◾कृर्षि अनुसंधान केन्द्र मझेडा़ से हुई शुरुवात
◾ बेहतर परिणाम के बाद किसानों को भी किया जाएगा प्रोत्साहित
◾ आय के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी है मददगार
◾ कोसी घाटी का मौसम माना जा रहा अनूकूल

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

लगातार नुकसान झेल रहे कोसी घाटी के किसानों कि स्थिति सुधरने की उम्मीद जगी है। कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ ने अमेरिकन ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन को प्रयास शुरू कर दिए हैं। फिलहाल पंतनगर विश्वविद्यालय से कुछ पौधे लाकर केंद्र में लगाए गए हैं। बेहतर परिणाम मिलने के बाद बेतालघाट ब्लॉक के विभिन्न गांवों के तमाम किसानों को भी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। केंद्र प्रभारी डा. अंजलि अग्रवाल के अनुसार निश्चित तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कोसी घाटी के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
बदलते मौसम व आपदा की मार से कोसी घाटी के किसान लंबे समय से नुकसान उठा रहे हैं। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मझेडा़ अनुसंधान केंद्र ने कदम बढ़ा दिए हैं। अमेरिका के कैक्टस प्रजाति के ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए पौधे पंतनगर से मझेडा़ अनुसंधान केंद्र पहुंचाए गए हैं। बेहतर परिणाम मिलने के बाद ब्लॉक के किसानों को भी इसकी खेती से जोड़ा जाएगा।

अमेरिकन फल के उत्पादन के लिए गर्म मौसम व रेतीली जमीन की जरूरत होती है यही वजह है की कोसी घाटी का मौसम इसकी खेती को अनुकूल माना जा रहा है। गुजरात सरकार ने इसे कमल फूल का नाम भी दिया है। कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड आदि देशों में इसकी खूब बिक्री होती है। आर्थिकी सुधारने के साथ ही ड्रैगन फ्रूट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व शुगर जैसी बीमारी के लिए भी फायदेमंद है। केंद्र प्रभारी डा. अंजलि अग्रवाल के अनुसार बेहतर परिणाम मिलने के बाद किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्तमान में ड्रैगन फ्रूट की कीमत बाजार में 80 रुपये प्रति फल है। ऐसे में इसकी खेती किसानों की आर्थिकी सुधारने में भी लाभदायक साबित होगी।