= लिखा आधार कार्ड बनेगा, तीन वर्षो में एक भी नही बना
= दो वर्षो से तकनिकी खराबी से धूल फांंक रही लाखो की मशीन
(((महेंद्र कनवाल/अंकित सुयाल की रिपोर्ट))) – तीखी नजर
गांवो के लोगो को परेशानी का सामना न करना पडे़ इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार तमाम योजनाएं बनाती है पर पहाडो़ में पहुंचते ही योजनाएं दम तोड़ जाती है। गरमपानी स्थित डाकघर में आधार कार्ड मशीन बीते तीन वर्षो से बंद है। लाखो रुपये की मशीन से आज तक एक भी आधार कार्ड नही बन पाया है।
पहाडी़ क्षेत्रों के हाल भी अजब गजब है। दरअसल गरमपानी, खैरना, मझेडा़, डोबा, सीम, सिल्टोना, लोहाली, कैंची, धनियाकोट, सिमलखा समेत दो दर्जन से अधिक गांवो के सैकडो़ ग्रामीणों को लाभ दिलाने के मकसद से लाखो रुपये की कीमत से आधार कार्ड बनाने वाली मशीन तीन वर्ष पूर्व स्थापित की गई। उम्मीद जगी की अब आसानी से गांव के लोगो के आधार कार्ड डाकघर में ही तैयार होगे पर ग्रामीणों की उम्मीद को शुरुआत में झटका लग गया। मशीन स्थापित होने के साथ ही दगा दे गई। तकनीकी खराबी होने से मशीन शुरु होने से पहले ही बंद हो गई। हालात यह है कि तीन वर्षो में आज तक एक भी आधार कार्ड नही बनाया जा सका है। स्थानीय लोगो ने संबंधित विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। क्षेत्रवासियों का आरोप है की डाकघर के बाहर आधार कार्ड बनाने का बोर्ड गांव के लोगो को धोखा दे रहा है। कई किलोमीटर दूर से गांवो के लोग आधार कार्ड बनाने गरमपानी स्थित डाकघर पहुंचते पर उन्हे मशीन खराब होने का हवाला दे दिया जाता है जिस कारण गांवो के लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तथा मायूसी में वापस लौटना पड़ता है। लोगो ने आधार मशीन को तत्काल दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि जल्द व्यवस्था दुरुस्त नही की गई तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी।