= खेतों में ही सड़कर बर्बाद हो रही उपज
= पहले भी लॉकडाउन व कोरोना कर्फ्यू से हो चुका नुकसान
= किसानों को मुआवजा दिए जाने की उठी मांग

(((नीरजा साह की रिपोर्ट)))

पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की किस्मत ठीक ही नहीं चल रही। पूर्व में लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू और अब लगातार बारिश से किसानों की उपज बर्बाद हो रही है। जिससे किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने बर्बाद फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है ।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे जनता, भंवरु, वलनी, रिकोसा आदि गांवों में किसानों को लगातार बारिश से नुकसान उठाना पड़ रहा है। गोभी, शिमला मिर्च, टमाटर, हरी मिर्च आदि नकदी फसलें खेतों में ही बर्बाद हो रही है। लगातार बारिश से उपज खेत में ही गलने लग रही है। पूर्व में किसानों को लॉकडाउन तथा कोरोना कर्फ्यू से काफी नुकसान उठाना पड़ा था। अब बारिश किसानों के लिए मुसीबत बनते जा रही है। हाड़तोड़ मेहनत के बाद किसानों ने सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले खेतों को रुख किया था पर अब एक बार फिर किसान नुकसान की जद में है। कई काश्तकार बैंकों से ऋण लेकर भी खेती किसानी करते हैं जिससे उन्हें दो तरफा नुकसान उठाना पड़ रहा है। खीम सिंह, जीवन सिंह, पान सिंह, राम सिंह, हीरा सिंह आदि लोगों ने सरकार से किसानों को बर्बाद फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।