= संक्रमित होने के बाद अब स्वस्थ है 108 की कविता
= लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के कार्य में कर रही भागीदारी
= रात हो या दिन आपातकालीन सेवा के संग दौड़ती रहती है बाबा भक्त
(((शेखर दानी की रिपोर्ट)))
संक्रमित होने के बाद सहम सी गई। फिर बाबा नीम करोली कोई याद किया कोरोना से लड़ने की ताकत पैदा हुई और अब एकदम स्वस्थ होकर मरीजों को हायर सेंटर पहुंचाने के साथ ही प्लाज्मा डोनेट करने के लिए भी सोशल मीडिया पर कार्य कर रही है। दुर्घटना का घायल हो या अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज बेटी सी देखभाल कर पूरी जिम्मेदारी के साथ हायर सेंटर तक पहुंचाती है।
जी हां बात हो रही है बेतालघाट सीएचसी में तैनात आपातकालीन 108 सेवा में कार्यरत फार्मेसिस्ट कविता जोशी की। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के दौरान वह भी चपेट में आकर संक्रमित हो गई। संक्रमिक होने के बाद बेहद परेशान हो गई। माता पिता मासी गांव(अल्मोड़ा) में होने के चलते अकेले ही कोरोना से लड़ने को मजबूर होना पड़ा। बाबा नीम करोली की भक्त कविता ने बाबा को मन से याद किया। सुबह शाम ध्यान लगाया। चिकित्सकों के दिशा निर्देश का पालन किया और कोरोना से जंग जीत ली उसके बाद लगातार वह दुर्घटना में घायल हो या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना पूरे मनोयोग से कार्य में जुटी हुई है। यही नहीं कोरोना से जंग जीत चुके लोगो को प्लाज्मा डोनेट करने को उत्साहवर्धन में जुटी रहती है। कई लोगों से दूरभाष पर संपर्क साध साथ प्लाज्मा तक दिलवा चुकी है। घायलों को आपातकालीन 108 में लाने के बाद कविता का मरीजो के साथ बेटी जैसा व्यवहार मरीजों को सुखद अनुभूति दिलाता है।