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= खस्ताहाल मोटर मार्ग दे रहे दुर्घटना को दावत
= गांव-गांव बिछाया जा रहा सड़कों का जाल, पुराने मार्ग बदहाल

(((कुबेर जीना/महेंद्र कनवाल/अंकित सुयाल)))

पर्वतीय क्षेत्रों में गांव-गांव सड़कों का जाल जरुर बिछा दिया गया हो पर सड़कों में सुरक्षा राम भरोसे है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और ज्यादा खराब है। बावजूद कोई सुध लेने वाला नहीं है।
गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने की सरकार की मंशा तो पूरी होती जा रही है पर ग्रामीण जान हथेली में रख आवाजाही करने को मजबूर हैं। गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। कई पुराने मोटर मार्ग जहां खस्ताहाल हो चुके हैं। तो नए मार्गों पर भी आवाजाही आसान नहीं है। वर्षों पुराने बेतालघाट- भुजान, रातीघाट – बेतालघाट, सीम – सिल्टोना, रामनगर बेतालघाट, वर्धा – बेतालघाट, चमडिया – लोहाली आदि तमाम मोटर मार्ग बदहाली का दंश झेल रहे हैं। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। मजबूरी में ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहे हैं। प्रतिवर्ष मोटर मार्गो पर करोड़ों लाखों रुपये खर्च किया जा रहा है बावजूद दिनोंदिन मोटर मार्ग बदहाल होते जा रहे हैं। गांवों में बनाए जा रहे नए मोटर मार्गो के भी हालात कुछ ठीक नहीं है।

पर्यटक भी कतरा रहे

मोटर मार्गो की बदहाली के चलते पर्यटक भी बेतालघाट स्थित घाटियों की ओर रुख नहीं करते। रामनगर बेतालघाट मोटर मार्ग जगह-जगह खस्ताहाल हो चुका है जबकि रामनगर से तमाम पर्यटक मोहान आदि तक घूमने आते हैं पर सड़कों की खस्ता हालत के चलते वह मोहन से ऊपर नहीं चढ़ते। गांवों के लोग भी रामनगर बेतालघाट जोखिम भरे मार्ग पर राम भरोसे आवाजाही करते हैं।