खस्ताहाल मोटर मार्ग दे रहे दुर्घटना को दावत
गांव-गांव बिछाया जा रहा सड़कों का जाल, पुराने मार्ग बदहाल
गरमपानी डेस्क : पर्वतीय क्षेत्रों में गांव-गांव सड़कों का जाल जरुर बिछा दिया गया हो पर सड़कों में सुरक्षा राम भरोसे है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और ज्यादा खराब है। बावजूद कोई सुध लेने वाला नहीं है।
गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने की सरकार की मंशा तो पूरी होती जा रही है पर ग्रामीण जान हथेली में रख आवाजाही करने को मजबूर हैं। गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। कई पुराने मोटर मार्ग जहां खस्ताहाल हो चुके हैं। तो नए मार्गों पर भी आवाजाही आसान नहीं है। वर्षों पुराने बेतालघाट- भुजान, रातीघाट – बेतालघाट, सीम – सिल्टोना, रामनगर बेतालघाट, वर्धा – बेतालघाट, चमडिया – लोहाली आदि तमाम मोटर मार्ग बदहाली का दंश झेल रहे हैं। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। मजबूरी में ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहे हैं। प्रतिवर्ष मोटर मार्गो पर करोड़ों लाखों रुपये खर्च किया जा रहा है बावजूद दिनोंदिन मोटर मार्ग बदहाल होते जा रहे हैं। गांवों में बनाए जा रहे नए मोटर मार्गो के भी हालात कुछ ठीक नहीं है।
ग्रामीण होने लगे लामबंद
मोटर मार्ग की बदहाली पर अब ग्रामीणों का भी पारा चढ़ने लगा है।बिशन जंतवाल, राजेंद्र सिंह, संजय बिष्ट, कुंवर सिंह, महेंद्र सिंह बिष्ट, विरेंद्र बिष्ट, राम सिंह,रतन सिंह,मनोज कुमार आदि ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के मोटर मार्ग बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुके हैं। ग्रामीणों की जान की कोई परवाह ही नहीं है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द गांव की मोटर मार्ग पर सुरक्षित यातायात के ठोस प्रबंध नहीं किए गए तो अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।