= बजट के अभाव में बदहाल है रामगाढ़ जल विद्युत परियोजना
= 450 से ज्यादा उपभोक्ताओं के लिए यूपीसीएल से खरीदी जा रही बिजली
= जल प्रलय से 65 लाख रुपये का हुआ परियोजना को नुकसान
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/भीम बिष्ट की रिपोर्ट)))
मूसलाधार बारिश से उफान पर आए रामगाढ़ गधेरे ने बिजली उत्पादक रामगाढ़ जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचाया। उत्पादन ठप होने तथा जगह जगह पोल धराशाई होने से योजना से लाभान्वित होने वाले करीब साढे़ चार सौ उपभोक्ताओं की बत्ती गुल हो गई। उरेडा़ विभाग ने फिलहाल यूपीसीएल से बिजली ले उपभोक्ताओं को आपूर्ति सुचारु कर दी है पर परियोजना की मरम्मत को अभी तक बजट की स्वीकृति नही मिल सकी है।बजट के इंतजार में परियोजना मरम्मत की बांट जोह रही है।
अल्मोडा़ हल्द्वानी हाईवे पर स्थित रामगाढ़ जल विद्युत परियोजना से जाख, बुधलाकोट, चौरसा, कफूल्टा, बारगल, गरजोली, जजूला, ज्योग्याडी़ आदि गांवो के करीब साढे़ चार सौ उपभोक्ताओ विद्युत आपूर्ति की जाती है। बीते 18 अक्टूबर को आए जल प्रलय से योजना ठप हो गई। डैम टूट गया है। योजना की मशीन भी जलमग्न हो गई। जगह जगह पोल धराशाई हो गए।योजना क्षतिग्रस्त होने से गांवो में अंधकार छा गया है। उपभोक्ताओं को राहत दिलाने को फिलहाल यूपीसीएल से रोजाना बिजली खरिद साढे़ चार सौ उपभोक्ताओं के घरो में आपूर्ति सुचारु कर दी गई है। संबंधित विभाग ने योजना को दुरुस्त करने के लिए करीब 65 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को भेजा पर दो माह बीतने के बावजूद अब तक विभाग को बजट के नाम पर ढेला तक नहीं मिल सका है जिस कारण योजना में सुधारी करण का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा। संबंधित विभाग के अवर अभियंता एसआर गौतम के अनुसार जल प्रलय से योजना को करीब 65 लाख रुपये की क्षति पहुंची। प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया पर अभी बजट उपलब्ध नहीं हो सका है।