= किसानों ने लगाया समुचित मात्रा में बीज उपलब्ध कराए जाने का आरोप
= आवाजाही में 30 किमी दूरी नापने के बाद उपलब्ध हो रहा आलू का बीज
= किसान बोले – ऐसे में प्रभावित होगी आलू की खेती

(((दलिप सिंह नेगी/मनोज पडलिया/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा से सटे सब्जी उत्पादक कुंजगढ़ घाटी क्षेत्र में किसानों के आलू की खेती पर संकट गहरा गया है। किसानों का आरोप है कि समुचित बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं गांव से करीब तीस किमी दूर जाकर बीज उपलब्ध हो रहा है। जबकि प्रतिवर्ष किसान को गांव में ही बीज उपलब्ध कराया जाता रहा है।
कोरोनाकाल के साथ ही अक्टूबर माह में हुई मूसलाधार बारिश के बाद किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा सब कुछ सही होने की उम्मीद ले किसानों ने एक बार फिर खेतों को रुख किया ही था कि अब विभागीय उपेक्षा भारी पड़ने लगी है। पातली, चापड़, सुखोली,कमान, तिपोला, टूनाकोट, बगवान आदि गांवों में आलू की बंपर पैदावार होती है। प्रतिवर्ष उद्यान सचल दल केंद्र बमस्यू क्षेत्र से किसानों को कुफरी ज्योति प्रजाति के आलू का बीज गांव में ही उपलब्ध कराया जाता था। पर इस बार विभागीय अधिकारियों का फरमान है कि किसानों को बीज सचल दल केंद्र से ही मिलेगा जिससे किसानों को आवाजाही में करीब 15 किलोमीटर की दूरी नापनी पड़ेगी। किसानों का आरोप है की समुचित मात्रा में बीज भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिससे पैदावार प्रभावित हो सकती है। स्थानीय किसान सुनील मेहरा, गोविंद सिंह, आनंद सिंह, पूरन सिंह, खड़क सिंह, झूंगर सिंह, प्रताप सिंह आदि ने विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। साफ कहा है कि यही हालात रहे तो क्षेत्र में आलू की खेती प्रभावित हो जाएगी। इधर उद्यान सचल दल प्रभारी विनोद चंद्र के अनुसार किसानों की डिमांड के अनुसार सत्तर कुंतल बीज उपलब्ध हुआ है अब एकाएक डिमांड बढ़ गई है जिससे बड़ी हुई डिमांड में बीज उपलब्ध कराने में दिक्कतें हो रही हैं। बताया कि सभी गांवों में बीज नहीं पहुंचाया जा सकता इसे ध्यान में रख केंद्र से ही बीज वितरित करने का निर्णय लिया गया है।