tikhinazar

= पूर्व सीएम हरीश रावत ने दिए थे वन विभाग को सर्वे के निर्देश
= तीन किलोमीटर दायरे में किया जाना था तारबाड़
= अब मामला ठंडे बस्ते में, ग्रामीणों ने फिर दोहराई मांग

(महेन्द्र कनवाल/अंकित सुयाल/कुबेर सिंह जीना की रिपोर्ट)))

द्वारसो काकड़ीघाट मार्ग पर स्थित देहोली गांव के किसानो ने जंगली जानवरों से चौपट हो रही खेती को बचाने के लिए तारबाड़ किए जाने की मांग उठाई है। पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार ने गांव में तारबाड़ किए जाने को लेकर वन विभाग को सर्वे को निर्देशित किया था पर तब से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिस कारण गांव की अधिकांश खेती चौपट होते जा रही है।
देहोली गांव क्षेत्र का सब्जी उत्पादक क्षेत्र है। पर पिछले कुछ वर्षों से लगातार जंगली जानवरों के आतंक से अधिकांश खेती चौपट हो चुकी है। कई लोगों ने खेती-बाड़ी करना ही छोड़ दिया है। पूर्व में हरीश रावत सरकार के समय ग्रामीणों ने गांव के चारों और तारबाड़ कराए जाने का प्रस्ताव सीएम को सौंपा था जिस पर तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने वन विभाग को गांव के चारों और करीब तीन किमी सर्वे के निर्देश भी दिए थे ग्रामीणों का आरोप है कि तब से आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। मामला ठंडे बस्ते में है। जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय महिंद्र फर्त्याल, गुमान सिंह, जीवन सिंह, दीवान सिंह आदि लोगों ने गांव के चारों ओर तारबाड़ कराए जाने की मांग फिर दोहराई है। चेतावनी भी दी है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर ग्रामीण सड़क पर उतर आंदोलन को बाध्य होंगे।