=समुचित पेयजल उपलब्ध ना होने से परेशानी से जूझ रहे ग्रामीण
= उपेक्षा पर आंदोलन का ऐलान



(((पंकज नेगी/विरेन्द्र बिष्ट/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

पोखरी गांव के बाशिंदों ने पेयजल योजना के पुनर्गठन की मांग उठाई है। वर्षों पूर्व बनी लाइन को कई वर्ष बीत जाने के बावजूद लाइन अब जर्जर हालत में पहुंच गई है। चेताया की उपेक्षा की गई तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
समीपवर्ती पोखरी गांव के करीब तीस से ज्यादा परिवारों को शेर पंपिंग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर आए दिन व्यवस्था चरमरा रही है ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1970 के आसपास गांव को पेयजल लाइन बिछाई गई तब से आज तक योजना का पुनर्गठन नहीं हो सका है जिसके चलते जगह-जगह पेयजल योजना के पाइप क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिस कारण समुचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा। तीस से ज्यादा परिवारों को महज दो तीन कनस्तर ही पानी उपलब्ध हो पाता है। जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मजबूरी में कई किलोमीटर दूर जाकर सिर पर पानी ढोना मजबूरी बन चुका है। शादी विवाह व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में वाहन के जरिए करीब पांच किलोमीटर दूरी से पानी लाया जाता है। परेशानी लगातार बढ़ते ही जा रही है ग्रामीणों के अनुसार यदि पेयजल योजना का पुनर्गठन किया जाए तो काफी हद तक पेयजल आपूर्ति दुरुस्त हो सकेगी। स्थानीय लोगों ने पेयजल योजना के पुनर्गठन की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि उपेक्षा की गई तो सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।