= घटीया डामरीकरण तोड़ने लगा है दम
= कई जगह सुरक्षात्मक कार्य ध्वस्त, कोई सुध लेने वाला नहीं
= क्षेत्रवासियों ने दी संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
(((महेंद्र कनवाल/हेमंत साह की रिपोर्ट)))
सड़कें बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। कुछ ऐसा ही हकीकत बयां कर रहा है अल्मोड़ा हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग। खैरना से काकडी़घाट तक तीन वर्ष पूर्व करीब 36 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से चौड़ीकरण का कार्य किया गया पर वर्तमान में हाईवे की हालत कार्य की गुणवत्ता को उजागर कर रही हैं।
तीन वर्ष पूर्व खैरना से काकडीघाट तक करीब दस किलोमीटर दायरे में 36 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से चौड़ीकरण का कार्य हुआ। पहाड़ियों को बेतरतीब ढंग से काट राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर डामरीकरण किया गया पर वर्तमान में करीब दस किलोमीटर में जगह-जगह गड्ढे करोड़ों की लागत से किए गए डामरीकरण की गुणवत्ता की हकीकत उजागर कर रहा है। हाईवे पर संबंधित विभाग के बड़े अधिकारी व कई बड़े नेता आवाजाही करते हैं बावजूद उन्हें करोड़ों की लागत से तैयार हाईवे की दशा नहीं दिख रही विभागीय अधिकारी बताते हैं कि दस किलोमीटर मार्ग निर्माण करने वाले ठेकेदार पांच वर्ष तक रखरखाव करेगा पर संबंधित ठेकेदार रखरखाव तो दूर झांकने भी नहीं आ रहा है। जिससे एनएच खस्ताहाल होता जा रहा है। गड्ढों में कई बाइक सवार रपटकर चोटील भी हो चुके हैं। बावजूद संबंधित विभाग सुध नही ले रहा। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बजट ठिकाने लगाया जा चुका है। अब संबंधित विभाग व ठेकेदार को हाईवे से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं। कई जगह पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। सुरक्षात्मक कार्य धवस्त हो चुके हैं। बावजूद कोई सुध लेने वाला नहीं है। चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त नहीं किया गया तो संबंधित विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा।