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= जंगली जानवरों ने मार डाले मवेशी पर आज तक नहीं मिल सका मुआवजा
= वन विभाग से क्या आवेदन पर लौटा दी गई फाइले
= गांव के लोगों ने उठाई मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग


(((कुबेर सिंह जीना/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))

गांवो में जंगली जानवर मवेशियों को मौत के घाट उतार दे रहे हैं। जिससे पशुपालकों को खासा नुकसान हो रहा है। पर हैरत की बात यह है कि मवेशियों को मार डालने के बाद पशुपालकों को मुआवजे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। सिरसा गांव के बाशिंदों ने मुआवजा न दिए जाने पर नाराजगी जताई है
अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे सिरसा गांव के पशुपालकों के कई मवेशी पूर्व में गुलदार ने मार डाले। मुआवजे के इंतजार में पशुपालकों की आंखें पथरा गई। मुआवजे की आस में उन्होंने आवेदन भी किया पर वन विभाग का कोई जवाब ना सका। करीब बीस से ज्यादा पशुपालको ने मुआवजे को इंतजार किया पर वन विभाग ने सात आठ पशुपालकों की फाइलें कुछ न कुछ कमी करार दे वापस भेज दी। बाकी पशुपालकों को मुआवजा भी नहीं मिल सका। हीरा देवी, राम लाल, आशा देवी, सुरेश राम, बची राम आदि पशुपालक आज भी मुआवजे के इंतजार में है। स्थानीय लोगों ने पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है कि यदि पशुपालकों की उपेक्षा की गई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।