🔳सड़कों को गड्डे मुक्त करने के आदेश का भी नहीं हुआ असर

🔳जगह जगह गड्डे कर रहे एनएच की दुर्दशा की हकीकत बयां
🔳व्यापारियों ने उठाए एनएच के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल
🔳पूर्व में किया गया पेंचवर्क व हाटमिक्स तोड़ने लगा दम
🔳अधिशासी अभियंता ने मौसम अनुकूल होते ही हाटमिक्स कराने का किया दावा

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

प्रदेश के मुखिया के सड़कों को गड्डे मुक्त करने के आदेश के बावजूद महत्वपूर्ण अल्मोड़ा हल्द्वानी को गड्डे मुक्त नहीं किया जा सका। आदेश के बाद आनन फानन में कुछ स्थानों पर पेंचवर्क कार्य जरुर कर दिए गए पर वह भी दम तोड़ चुके हैं। एनएच प्रशासन हाइवे की सुध न लेकर सीएम के आदेश को भी खुली चुनौती दे रहा है। एनएच के अधिशासी अभियंता के अनुसार जल्द निरीक्षण करवाकर मौसम अनुकूल होते ही हाटमिक्स कार्य शुरु करवाया जाएगा।कुमाऊं की लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे जगह जगह बदहाल हो चुका है। बावजूद सुध नहीं ली जा रही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सड़कों को गड्डे मुक्त करने के आदेश का भी हाइवे पर खास असर नहीं हो सका। हालांकि आदेश जारी होने के बाद कुछ क्षेत्रों में दिन रात पेंचवर्क कार्य किया गया। कुछ क्षेत्रों में गड्ढों में मिट्टी भर हाइवे दुरुस्त करने का प्रयास भी किया गया पर अब एक बार फिर हाइवे पर जगह जगह गड्डे विभागीय कार्यप्रणाली की हकीकत बयां कर रहे हैं। भवाली खैरना की ओर किया गया हाटमिक्स भी कई जगह दम तोड़ गया है। जगह जगह गड्डे होने से आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी दोबारा सड़क को गड्डे मुक्त करने का दावा करते करते नहीं थक रहे। जबकि एनएच को दुरुस्त किए जाने को लगभग 39 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट भी मिल चुका है बावजूद महत्वपूर्ण हाइवे बदहाल है। व्यापारी नेता दीवान सिंह, कुलदीप सिंह, आंनद सिंह आदि ने आरोप लगाया है की करोड़ों के बजट से भी गुणवत्ताविहीन कार्य किए जा रहे हैं। कुछ महीने पहले ही किया गया पेंचवर्क उखड़ चुका है। भवाली से खैरना की ओर किया गया हाटमिक्स में दम तोड़ने लगा है। व्यापारियों ने एनएच अधिकारियों पर जनहित से खिलवाड़ किए जाने का आरोप भी लगाया है। भोर्या बैड़, पाडली, लोहाली, गरमपानी, खैरना, जौरासी, रातीघाट आदि तमाम क्षेत्रों में एनएच की दुर्दशा पर रोष जताया है। चेताया है की यदि जल्द हाइवे को दुरुस्त नहीं किया गया तो फिर क्षेत्रवासियों को साथ लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। इधर एनएच के अधिशासी अभियंता एमबी थापा के अनुसार ज्योलिकोट से काकड़ीघाट तक एनएच पर ईपीसी मोड पर कार्य किया जा रहा है। जल्द निरीक्षण किया जाएगा। मौसम अनुकूल होते ही हाटमिक्स कार्य शुरु होगा।