= बार-बार आवाज उठाई जाने के बावजूद प्रशासन भी नहीं ले सका सुध
= लापरवाही पड़ गई स्थानीय लोगों पर भारी
= बाजार क्षेत्र में जलभराव व लोगों के घरों में मलवा भरने से खड़ी हुई मुसीबत
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट))))
प्रशासन की बेरुखी आखिरकार स्थानीय लोगों पर भारी पड़ ही गई। वर्षों से बंद पड़ी बरसाती नाली व कलमठों को न खुलवाए जाने से बरसाती पानी लोगों के घरों तक घुस गया। लोगो का काफी सामान बर्बाद हो गया। मलबे से घर के घर पट गए। लोगों में काफी गुस्सा भी है।
बाजार क्षेत्र में वर्षों पूर्व बरसाती नाली की मांग उठाई गई। करोड़ों रुपयो से कलमठ व नाली निर्माण भी हुआ पर समय के साथ साथ कलमठ बंद हो गए वहीं बरसाती नाली भी मलबे से पट गई। कई बार सुधार को लोग मांग उठाते रहे पर सुनवाई नहीं हुई। प्रशासन ने भी कोई सुध नहीं ली। और आखिरकार लोगों को इसका खामियाजा उठाना पड़ा। बारिश का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया। बारिश के साथ ही कीचड़ व मलवा घरो में घुस गया। लोग परेशान दिखे। यदि समय रहते नाली व कलमठ खोले गए होते तो शायद हालात इतने ना बिगड़ते पर प्रशासन के सुध न लेने से लोगो को नुकसान उठाना पडा़।