= ध्वस्त हुए रास्ते पर दुघर्टना का खतरा
= आपदा के पांच माह बाद भी नही ली गई सुध
= क्षेत्रवासियों ने जताई हादसे की आंशका

(((अंकित सुयाल/कुबेर जीना/मनीष कर्नाटक/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))

कन्या जूनियर हाईस्कूल सुयालबाडी़ तक जाने वाला पैदल रास्ते पर हादसे का खतरा बढ़ गया है। विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी व शिक्षक जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर है। कई बार अभिभावक रास्ते को दुरुस्त करने की मांग उठा चुके है पर कोई सुनवाई नही हो रही। अनदेखी से खतरा बड़ता ही जा रहा है।
अक्टूबर में आई आपदा का दंश पांच माह बीतने के बावजूद लोग झेल रहे है। कहीं पेयजल संकट तो कहीं सड़के बदहाल होने से लोग परेशान है। विद्यालय को जाने वाले रास्ते तक बदहाली का दंश झेल रहे है। सुयालबाडी़ ढोकाने मार्ग से राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल को पहुंचने वाला पैदल मार्ग जगह जगह ध्वस्त हो चुका है। विद्यालय में अध्ययनरत करीब चालीस विद्यार्थी व शिक्षक रोजाना जान हथेली पर विद्यालय पहुंच रहे है। बारिश होने पर खतरा दोगुना हो जा रहा है जिस कारण विद्यार्थियों की जिंदगी पर जोखिम बना हुआ है। स्थानीय मदन मोहन सुयाल, कुबेर जीना, मनीष कर्नाटक, भीम बिष्ट, मोहन सिंह आदि के अनुसार लगातार रास्ते को दुरुस्त करने की मांग उठाई जा रही है पर कोई सुधलेवा नही है। दिनोंदिन खतरा बढ़ता ही जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने जल्द रास्ते की सुधार की मांग उठाई है।