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= स्कूल जाने वाले नौनिहालों पर भी मंडरा रहा दुर्घटना का संकट
= कोसी व शिप्रा नदी के संगम तट पर शवदाह को जाने वाले लोग भी झेल रहे दिक्कत
= कई बार आवाज उठाई जाने के बावजूद प्रशासन नहीं ले रहा सुध

(((दलिप सिंह नेगी/मनीष कर्नाटक/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग से तमाम गांवों को जोड़ने वाले रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग पर खैरना चौराहे पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के दोनों और वाहनों के खड़े हो जाने से बार-बार जाम लग रहा है बावजूद व्यवस्था में सुधार को ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
खैरना चौराहे से धनियाकोट, सिमलखा समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाले रातीघाट बेतलाघाट मार्ग पर कई वाहनों की आवाजाही होती है। पर सड़क के दोनों और वाहनों के खड़े होने से गांव को आवाजाही करने वाले अन्य वाहनों के वाहन चालकों को फजीहत का सामना करना पड़ता है कई बार जाम लगा रहता है। ऐसे में दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ है। वहीं शमशान घाट को जाने वाले रास्ते पर भी वाहनों की कतार लगी रहती है। जिससे कई बार शवदाह को पहुंचने वाले लोग भी परेशानी का सामना करते हैं। सरस्वती शिशु मंदिर को भी छोटे-छोटे नौनिहाल इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं परिजनों को भी इसी रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है पर अव्यवस्थित ढंग से खड़े वाहनों से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। क्षेत्रवासियों ने चौराहे पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने की पुरजोर मांग उठाई है। आरोप लगाया कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद पुलिस प्रशासन सुध नहीं ले रहा।