= पर्यटक सीजन बढ़ने के साथ ही कोसी नदी की ओर रुख करने लगे हैं लोग
= सही अंदाजा ना होने के कारण पूर्व में कई लोगों की हो चुकी है मौत
= क्षेत्रवासियों ने गहराई व भंवर वाले स्थानों पर आवाजाही प्रतिबंधित करने की उठाई मांग

(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/भीम बिष्ट की रिपोर्ट)))

तपिस बढ़ने तथा पर्यटन सीजन शुरु होने के साथ ही खतरे से बेखबर पर्यटक अल्मोडा़ हल्द्वानी हाईवे किनारे बहने वाली कोसी नदी की ओर रुख करने लगे है। सेल्फी के फेर में छोटे छोटे बच्चो तक को नदी के बीचोंबीच तक ले जा रहे है जिससे खतरा कई गुना बढ़ जा रहा है। कोसी नदी में गहराई व भंवर वाले स्थानो पर कई लोग डूबकर जान गंवा चुके है।
शहरों से बाहर घूमने आने वाले पर्यटक खतरे से अनजान कोसी नदी में उतर रहे हैं। यही नहीं छोटे-छोटे बच्चों तक को नदी के बीचो-बीच तक ले जाकर सेल्फी ले रहे हैं। भंवर व गहराई वाले स्थानों का सही अंदाजा ना होने से जिंदगी पर संकट मंडरा रहा है। पूर्व में कोसी नदी में कई लोग डूब कर जान गंवा चुके हैं बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। पूर्व में प्रशासन के आदेश पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए थे पर आपदा ने सब कुछ तहस-नहस कर डाला अब एक बार फिर चेतावनी बोर्ड ना होने से पर्यटक नदी के बीचो-बीच तक पहुंच रहे हैं ऐसे में दुर्घटना का जोखिम दोगुना बढ़ गया है। लोहाली, भोर्या बैंड, चमडिया, नावली, जौरासी, काकडी़घाट आदि तमाम खतरे वाले स्थानों पर जोखिम बना हुआ है। व्यापारी कुबेर सिंह जीना, मदन मोहन सुयाल, महेंद्र सिंह बिष्ट, विरेंद्र सिंह बिष्ट, मनोज नैनवाल, कुंदन सिंह, नंदन सिंह, पंकज नेगी, मनीष कर्नाटक आदि ने गहराई व भंवर वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाने तथा आवाजाही प्रतिबंधित करने की की पुरजोर मांग उठाई है ताकि खतरा टाला जा सके।