= चुनाव टालने संबंधी याचिका पर पर हुई सुनवाई
= चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार और पश्चिम बंगाल में चुनाव कराए जा चुके हैं
(((नैनीताल से तनुजा बिष्ट की रिपोर्ट)))
राज्य में विधानसभा चुनाव टालने वाली याचिका में हाईकोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को उत्तराखंड हाई कोर्ट में कहा है कि ऑनलाइन चुनाव और चुनावी रैली करने की संभावनाओं को तलाशें,कोर्ट ने पूछा कि जो इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव के लिए कहा उस पर क्या विचार हुआ, हालांकि चुनाव आयोग ने कहा अभी चुनाव कराए जा सकते हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की भी जब कोर्ट से लेकर सब वर्चुवल मोड में चालू हो रहे हैं तो चुनवी रैली वर्चुवल क्यों नहीं हो सकती हैं। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिए हैं कि कोविड के लिए बनी जिला निगरानी समिति की रिपोर्ट फाइल करें, चीफ जस्टिस कोर्ट 12 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सचिदानंद डबराल समेत अन्य की याचिका में अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। याचिका में बढ़ते कोरोना का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव टालने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनावी सभाओं में कोविड नियमों का पालन नहीं हो रहा है लिहाजा नेताओं की चुनवी सभा ऑनलाइन हो।याचिका में कहा गया है कोविड लगातार बढ़ रहा है और सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है क्योंकि राज्य में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी है। हालांकि उत्तराखंड सरकार ने कहा कि सरकार ने कोविड नियमों के पालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है। चुनाव आयोग के वकील सोभित सहारिया ने कहा कि उन्हौने कोर्ट को बताया है कि डेल्टा वैरिएंट के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल के साथ कई राज्यों में उप चुनाव कराए हैं और पूरा ख्याल कोविट का रखा गया और यहां चुनाव अभी संभव हैं जिसको लेकर आयोग काम कर रहा है। वहीं राज्य सरकार के सीएससी ने कहा कि राज्य में कोरोना बढने का रेट 1.94 प्रतिशत हैं जो काफी कम हैं साथ ही सभी जिलाधिकारियों को कोरोना के नियमों के पालन करने के लिये दिशा निर्देश जारी किये हैं।