= पहले लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू मूसलाधार बारिश ने तोड़ी कमर
= अब फूलगोभी में कीड़ा लगने से बर्बाद हुई उपज
= बड़ी मंडियों से भी वापस आ रही फसल

(((विरेन्द्र बिष्ट/कैलाश बुधलाकोटी/फिरोज अहमद की रिपोर्ट))

पर्वतीय क्षेत्र में धरतीपुत्रों का समय ठीक नहीं चल रहा। लॉकडाउन कोरोना कर्फ्यू के बाद मुसलधार बारिश से नुकसान उठाने के बाद अब किसानों की गोभी की उपज खेतों में बर्बाद हो रही है। गोभी में लगा कीड़ा फूल के साथ ही पत्तों को भी चट कर जा रहा है। आलम यह है कि बड़ी मंडीयों को भेजी गई उपज भी वापस आ जा रही है। लगातार नुकसान से किसान मायूस हो चुके हैं।
लगातार नुकसान झेल रहे पर्वतीय क्षेत्र के किसानों ने सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले वापस खेतों को रुख किया पहले लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू से नुकसान उठाने के बाद कई क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई तो कहीं मूसलाधार बारिश ने खेतों में फसल चौपट कर दी।अब सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले धरतीपुत्रों ने खेतों को रुख किया। हाड़तोड़ मेहनत भी की पर अब किसानों के खेतों में गोभी की उपज चौपट हो गई है। गोभी पर लगने वाला विशेष कीड़ा गोभी के साथ ही पत्तों को भी चट कर जा रहा है। पातली,बजोल,बजीना, डौरब, टूनाकोट, मंडलकोट, मंडोली, खुडौली आदि क्षेत्रों के काश्तकार परेशान हैं। हालत यह है कि बड़ी मंडियों को भेजी गई उपज भी वापस आ रही है। गिरीश मेहरा, तेज सिंह, श्याम सिंह, हेमा देवी, नीमा देवी, तुलसी देवी, ममता देवी, मोहन जोशी, बाला दत्त, भीम सिंह, कुंदन सिंह, महेंद्र देव, मोहन देव, दीपक मेहरा, बालम सिंह, नारायण सिंह, दीपक आर्या, आनंद राम, हरीश राम, चंदन सिंह देव भोला सिंह, किशन सिंह आदि लोगों ने मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है कहा कि लगातार नुकसान हो रहा है अब गोभी में लगे कीड़े ने भारी नुकसान कर दिया है। लगातार हो रहे नुकसान से किसानों को मायूस होना पड़ रहा है। कई किसानों ने बैंकों से ऋण लेकर भी खेती बाड़ी की है पर लगातार सब कुछ चौपट होते जा रहा है।