= पूर्व में किया गया डामरीकरण तोड़ गया दम
= अब करोड़ो की लागत से किया जा डामरीकरण भी देने लगा जवाब
= ग्रामीणों में रोष उठाई जांच की मांग

(((हरीश चंद्र/पंकज भट्ट/हरीश कुमार/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))

ग्रामीण सड़कें सरकारी बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। बदहाली का दंश झेल रहे भुजान बेतालघाट मोटर मार्ग पर डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से हो रहे डामरीकरण पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अभी डामरीकरण की शुरुआत ही हो सकी थी कि डामर उखड़ने लगा है। ग्रामीणो ने गुणवत्ताविहीन कार्य का आरोप लगाया है। उपेक्षा पर आंदोलन की चेतावनी दी है। संबंधित विभाग के सहायक अभियंता ने निरीक्षण का दावा कर लापरवाही पाए जाने पर भुगतान रोकाने की बात कही है।
बेतालघाट ब्लॉक मुख्यालय समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण भुजान – बेतालघाट मोटर मार्ग बदहाली का दंश झेल रहा है। ग्रामीणों के लगातार आवाज उठाए जाने के बाद मोटर मार्ग पर डामरीकरण को डेढ़ करोड़ रुपये से डामरीकरण को स्वीकृति मिली है कार्य शुरू ही हो सका था कि गुणवत्ता विहीन कार्य के आरोप लगने लगे हैं। मोटर मार्ग पर कुछ माह पूर्व भी किया गया डामरीकरण दम तोड़ चुका है। चडूयूला गांव के समी डामरीकरण शुरु ही किया ही गया था कि मार्ग पर डामरीकरण अभी से उखड़ने लगा है जिससे ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। ग्रामीणों के अनुसार करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद अभी से डामरीकरण के उखड़ने की शुरुआत हो चुकी है जबकि अभी कार्य पूरा भी नहीं हो सका है ऐसे में गुणवत्ताविहीन कार्य कर इतिश्री की जा रही है। दो टूक कहा है कि मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी सरकारी बजट की बर्बादी की गई तो फिर आंदोलन शुरू किया जाएगा। संबंधित विभाग के सहायक अभियंता पीसी पंत के अनुसार कुछ और शिकायतें मिली थी जिनका निस्तारण किया गया है यदि डामरीकरण उखडा़ है तो निरीक्षण किया जाएगा गुणवत्ता युक्त कार्य होने पर ही ठेकेदार को भुगतान करेंगे किया जाएगा।