= सूर्योदय से पहले व सूर्यास्त के बाद देर रात तक नदीयों में गरज रही पोकलैंड मशीने
= खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा प्रशासन को दी जा रही खुलेआम चुनौती
= जीरो टॉलरेंस का दम भरने वाली भाजपा सरकार के ही नियमों की उड़ रही धज्जियां
= एसडीएम बोले – नियमों का उल्लंघन हुआ तो सीज होंगी मशीनें, होगी कार्रवाई

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

नदियों से मलवा हटाने के नाम पर नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन की नाक के नीचे ही नियमों को तोड़ खुलेआम चुनौती देने का काम किया जा रहा है। बावजूद प्रशासन व खनन विभाग चुप्पी साधे बैठा है। विभागों की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। जीरो टॉलरेंस का बखान करने वाली सरकार के नुमाइंदे नियमों का पालन करने में बौने साबित हो रहे हैं।
अक्टूबर में हुई बारिश के बाद उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी मलवे से भर गई। आठ महीने तक नदी से मलवा हटाने का कार्य नहीं किया गया पर ठीक बरसात से पहले नदी में भारी-भरकम पोकलैंड मशीने उतार रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरू किया गया। अभी कार्य शुरू ही हो सका था कि नियमों नदी क्षेत्र में नियमों की तिलांजलि देने का कार्य भी शुरू हो गया है। खुलेआम नियमों को तोड़ चुनौती दी जाने लगी है। बावजूद विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं। नदी में सूर्यास्त से पहले व सूर्यास्त के बाद देर रात मशीनें गरज रही हैं। विभागों के अधिकारी अनदेखी पर आमादा है। लोगों ने मामले में तमाम सवाल उठाए हैं। एसडीएम राहुल शाह ने नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा मशीनों को सीज करने की बात कही है।