= किसानों को उपयोगिता बताने को चलाया जाएगा अभियान
= पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि अनुसंधान केन्द्र किसानों को कम कीमत पर उपलब्ध कराऐगा पौधे

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/दलिप सिंह नेगी की रिपोर्ट)))

भूस्खलन रोकने में काला बांस कारगर साबित होगा इसके लिए बकायदा कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ किसानों को जागरूक करेगा वही किसानों को कम कीमत में काला बांस के पौधे भी वितरित किए जाएंगे।खास बात यह है कि काला बांस की पकड़ भू कटाव को रोकने में मददगार साबित होती है।

बीते 18 व 19 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश के बाद उठे जल प्रलय से नदी नाले उफान पर आ गए। जगह-जगह खेत रोखड़ में तब्दील हो गए। खेतों में भूकटाव भी हुआ जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब भविष्य में भूस्खलन को रोकने के लिए कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ आगे आ गया है। अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार काला बांंस भू कटाव को रोकने में कारगर होता है वही जंगली जानवर भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते। जल्द ही काला बांस लगाने के लिए किसानों को जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। वहीं बेहद कम लागत में किसानों को पौधे भी वितरित किए जाएंगे। कृषि अनुसंधान केंद्र मझेडा़ की वैज्ञानिक डा. अंजलि अग्रवाल के अनुसार जिन स्थानों पर काला बांस लगाया गया था वहां पर भूस्खलन ना के बराबर हुआ है इसी को देखते हुए अब विभिन्न क्षेत्रों में किसानों को खेतों की मेड व नदी बरसाती नालों के आसपास काला बांस लगाए जाने को जागरूक किया जाएगा। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार कला बांस भूमि को मजबूती से पकड़ता है जिससे भूस्खलन नहीं हो पाता।