🔳पहले चरण में सौ पशुपालकों को किया गया लाभान्वित
🔳दूसरे चरण में भी शुरु की गई क्लस्टर निर्माण की कवायद
🔳पहले बकरियों के लिए मिलेगा ऋण फिर मिलेगी अनुदान राशि
🔳मनरेगा योजना से बकरी बाड़ा तैयार करने का प्रावधान
🔳जिलाधिकारी की विशेष पहल पर कोसी घाटी के बाशिंदों को मिलने लगा लाभ
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी गोट वैली योजना को कोसी घाटी में पंख लगने लगे हैं। पहले चरण में शत प्रतिशत पशुपालकों के लाभान्वित होने के बाद अब योजना का दूसरा चरण शुरु होगा। दूसरे चरण में भी विभिन्न गांवों के लगभग सौ ग्रामीणों को बकरी पालन से जोड़ रोजगार उपलब्ध कराने की कवायद शुरु कर दी गई है। पशु चिकित्साधिकारी डा. नेहा चौधरी के अनुसार कलस्टर तैयार कर गांव के बाशिंदों को गोट वैली योजना से लाभान्वित किया जाएगा। पशु चिकित्साधिकारी ने पंचायत प्रतिनिधियों से अधिक से अधिक लोगों को योजना से जोड़ने का आह्वान किया है।
बेतालघाट ब्लॉक के धनियाकोट, बेतालघाट, सिमलखा, बर्धो आदि गांवों के करीब सौ ग्रामीणों को गोट वैली योजना से लाभ दिलाने के बाद अब पशुपालन विभाग ने दूसरे चरण की तैयारी तेज कर दी है। दरअसल प्रदेश सरकार ने गांवों के बाशिंदों को स्वरोजगार से जोड़ने को गोट वैली योजना का खाका तैयार किया। जिलाधिकारी वंदना सिंह की पहल पर पशुपालन विभाग ने बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में कलस्तर तैयार कर ग्रामीणों को योजना से लाभान्वित करने को धरातल पर कार्य शुरु किया। नियमानुसार लाभार्थी को शुरुआत में पांच बकरियों को खरीदने के लिए तीस हजार रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया जिसे एक वर्ष में अदायगी का प्रावधान रखा गया। फिर दोबारा पशुपालकों को दस बकरियों व एक बकरा खरीदने के लिए 51 हजार रुपये की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। चार कलस्टर में ग्रामीणों को लाभान्वित किए जाने के बाद अब योजना के दूसरे चरण में भी बेतालघाट ब्लॉक के अन्य गांवों में कलस्टर तैयार किए जाने की तैयारी शुरु कर दी गई है। पशु चिकित्साधिकारी डा. नेहा चौधरी के अनुसार योजना से लोगों को जोड़ रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। योजना के अनुसार ग्राम पंचायत की खुली बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद अनुमोदन को जिलाधिकारी के पास भेजा जायेगा। स्वीकृति के बाद लाभार्थी को योजना से जोड़ लाभान्वित किया जाएगा। मनरेगा योजना से बकरी बाड़ा तैयार करने का प्रावधान भी रखा गया है साथ ही योजना के तहत खरीदी गई बकरियों का बीमा भी किया जाएगा। पशु चिकित्साधिकारी के अनुसार दूसरे चरण में क्लस्टर तैयार किए जाने का कार्य शुरु कर दिया गया है।