🔳पेयजल योजनाओं से 60 फिसदी कम हुई आपूर्ति
🔳रोस्टर के अनुसार गांवों को उपलब्ध कराया जा रहा पानी
🔳समुचित पानी उपलब्ध न होने से दूर दराज रुख कर रहे ग्रामीण
🔳बारिश न होने से जल स्तर कम होने कोसी नदी में दिखने लगे डेल्टा
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

भीषण गर्मी के बीच नदियां व प्राकृतिक जल स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। रामगढ़ जल विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन ठप हो चुका है वहीं अब कोसी नदी का जल स्तर कम होने से बेतालघाट ब्लॉक के गांवों को बनी पेयजल योजनाओं में भी आपूर्ति प्रभावित हो गई है। जल संस्थान के सहायक अभियंता दिलीप बिष्ट के अनुसार जल स्तर कम होने से लगभग 60 फिसदी आपूर्ति कम हो गई है।
आसमान से बरस रही आग से पर्वतीय क्षेत्र भी भीषण गर्मी की चपेट में है। तापमान 37 से 38 डिग्री तक पहुंच गया है। जंगलों की आग तपिश और ज्यादा बढ़ा दे रही है। गांवों में प्राकृतिक जल सूखते जा रहे। पानी की बूंद बूंद को हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल योजनाओं से समुचित पानी उपलब्ध न होने से गांवों के बाशिंदे दूर दराज रुख करने को मजबूर हो चुके है‌। लंबे समय से बारिश न होने से नदियों का जलस्तर भी कम हो चुका है। पानी कम होने से रामगढ़ जल विद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन भी एक महीने से ठप है। कुंजगढ़ नदी के बाद अब कोसी नदी का जल स्तर भी घट चुका है‌। जल स्तर कम होने से नदी से गांवों को बनी पेयजल योजनाओं में भी आपूर्ति प्रभावित होने लगी है। ऐसे में जल संस्थान रोस्टर के अनुसार ही गांवों के बाशिंदों को पेयजल उपलब्ध करा रहा है। अकेले बेतालघाट ब्लॉक के सिमलखा, बेतालघाट, बजेडी़, पाडली, भवाली गांव, धारी खैरनी, मझेडा ब्यासी, शेरबाडी, पाली आदि योजनाओं में आपूर्ति प्रभावित हो चुकी है। गांवों के बाशिंदों को बामुश्किल पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। जल संस्थान के सहायक अभियंता दिलिप सिंह बिष्ट के अनुसार जल स्तर कम होने से लगभग 60 फिसदी आपूर्ति प्रभावित हो चुकी है। ऐसे में रोस्टर तैयार कर गांवों के बाशिंदों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।