🔳 खनन विभाग के अधिकारी ने खनिज न्यास निधी से बजट उपलब्ध कराने का कर दिया दावा
🔳 शिकायतकर्ता को ज्यादा बड़ा प्रस्ताव न बनाने की भी दी हिदायत
🔳 राजस्व उपनिरीक्षक ने भी ग्रामीणों को दिलाया सुरक्षात्मक कार्यों का भरोसा
🔳 ग्रामीणों के गुस्से को शांत करने को मिले आश्वासनों पर खड़े हुए सवाल
🔳 बेरोकटोक खनन कराने की दिख रही मंशा
🔳 ग्रामीणों ने आश्वासन झूठे होने पर न्यायालय की शरण में जाने का किया ऐलान
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के रोपा सेरा गांव में कोसी नदी पर केएमवीएन के उपखनिज पट्टे से भविष्य में खतरा बढ़ने पर सुरक्षा की मांग को लेकर ग्रामीणों के आक्रोशित होने पर खनन विभाग व प्रशासन के हवा हवाई दावों से तमाम गंभीर सवाल खड़े हो गए है। दो महीने के अंतराल में सुरक्षा कार्य करवाने व खनन न्यास निधी से बजट आवंटन कराने के दावे धरातल में कब तक उतरेंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है। हालांकि ग्रामीणों ने आश्वासन झूठे साबित होने पर न्यायालय की शरण लेने का ऐलान कर दिया है।
बेतालघाट स्थित चापड़ क्षेत्र में केएमवीएन का उपखनिज पट्टा संचालित है। बीते दिनों पट्टे पर हो रहे खदान व शमशान घाट के नजदीक तक खनन किए जाने से रोपा सेरा गांव के ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। सीएम पोर्टल तथा एसडीएम, डीएम व कुमाऊं आयुक्त को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भेज खनन पर रोक लगाने की मांग उठाई। बताया की खदान से भविष्य में रोपा गांव के कई आवासीय भवन व क़ृषि भूमि को नुकसान पहुंच सकता है। ग्रामीणों को गुस्से को शांत करने के लिए हरकत में आए खनन विभाग व प्रशासन ने नया पैंतरा अपना लिया है। बेरोकटोक खनन संचालित होते रहे इसके लिए ग्रामीणों को दो महीने के भीतर सुरक्षात्मक कार्य करवाए जाने का भरोसा दिलाया गया है। यहीं नहीं खनन विभाग के विनोद बाराकोटी ने तो शिकायतकर्ता को खनन न्यास निधी से बजट उपलब्ध कराने तक का भरोसा दिला दिया है। यहीं नहीं सिंचाई विभाग से प्रस्ताव तैयार करवाने को भी कहा है। यहीं नहीं प्रस्ताव ज्यादा बड़ा न बनाने की हिदायत भी दी। वहीं गांव के लोगों को शांत करने को राजस्व उपनिरीक्षक बेतालघाट आशा सक्सेना ने भी ग्रामीणों के हस्ताक्षर से दो महीने के भीतर मकानों व कृषि भूमि की सुरक्षा को सौ से अधिक चैकडेम निर्माण का प्रस्ताव श्री कैंची धाम तहसील के उपजिलाधिकारी को भेजा है। ग्रामीणों के गुस्से को शांत करने के लिए खनन व राजस्व विभाग के दावे दो महीने में कितने पूरे होते हैं यह तो समय बताएगा पर इतना साफ है की खनन पर रोक लगाने के बजाय ग्रामीणों को आश्वासनों का पुलिंदा जरुर थमा दिया गया है। खनन विभाग के विनोद बाराकोटी के अनुसार हमने कुछ नहीं कहा है ग्रामीणों की डिमांड है। प्रस्ताव मिलता है तो खनन न्यास निधी से बजट उपलब्ध कराएंगे। राजस्व उपनिरीक्षक आशा सक्सेना के अनुसार प्रस्ताव भेजा गया है। प्रयास किया जाएगा की जल्द बजट मिल जाए। भूमि संरक्षण के लिए लिखा गया है। उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दी गई है। अभी प्रस्ताव आगे बढ़ नहीं पाया है। स्थानीय अनिल जोशी ने कहा की यदि आश्वासनों के अनुसार कार्य नहीं हुआ तो गांव के लोगों को साथ लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। वादाखिलाफी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।