🔳 बाघ के आंतक से निजात दिलाने के बजाय उत्पीड़न का लगाया आरोप
🔳 पूर्व में कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी सुध न लेने का दिया हवाला
🔳 महिला की मौत के लिए वन विभाग को ठहराया जिम्मेदार
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]
वन आरक्षी से मारपीट मामले में पुलिस को नामजद तहरीर सौंपे जाने के मामले में ग्रामीणों का पारा भी चढ़ गया है। ग्रामीणों ने वन विभाग के रवैए के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है की पहले विभाग के लापरवाह रवैए से गांव की महिला को जान गंवानी पड़ी है अब विभाग गांव के लोगों पर कार्रवाई को आमादा है। गुरुवार को वन आरक्षी के पुलिस को ग्रामीणों के खिलाफ तहरीर सौंपे जाने की सूचना से ग्रामीणों ने गहरा रोष जताया। बैठक कर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। वक्ताओं ने कहा की घटना से पहले कई मवेशियों के मारे जाने व आबादी के नजदीक बाघ देखें जाने की सूचना वन आरक्षी व विभाग के अन्य कर्मचारियों को दी गई पर लापरवाह अधिकारियों ने हमेशा अनसुनी की। आखिरकार बाघ ने गांव की महिला को मार डाला। घटना को दो दिन बीतने के बावजूद बाघ पकड़ने में विभाग नाकाम है। ग्रामीणों को दहशत से निजात दिलाने के बजाय पुलिस को तहरीर सौप कार्रवाई का दबाव बनाया जा रहा है। तय हुआ की यदि एक भी ग्रामीण का उत्पीड़न किया गया तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। इस दौरान निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य नंदन चौधरी, राजेंद्र सिंह चौरसिया, खुशाल सिंह पटवाल, दान सिंह भंडारी, बलवंत सिंह रावत, बालम सिंह बिष्ट, विनोद कुमार, हीरा सिंह, हरीश बिष्ट, मनोज समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।