🔳 लापरवाही का आरोप लगा किया हंगामा, हाथापाई तक पहुंची नौबत
🔳 आए दिन मवेशियों के मारे जाने व सीएम पोर्टल पर शिकायत के बावजूद अनदेखी का लगाया आरोप
🔳 गांव के बुजुर्गो ने बामुश्किल आक्रोशित लोगों को किया शांत
🔳 ग्रामीणों ने बाघ को मौत के घाट उतारने की उठाई पुरजोर मांग
🔳 अलर्ट मोड पर आया वन विभाग, शुरु की गई बाघ की घेराबंदी
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
बेतालघाट व कोटाबाग ब्लॉक की सीमा पर स्थित ओखलढुंगा गांव में हुई घटना के दूसरे दिन ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। लोगों ने वन विभाग की टीम को खूब खरी खोटी सुनाई। आपा खोए कुछ लोगों ने वन कर्मी से हाथापाई तक कर डाली। बामुश्किल बुजुर्गो ने वन कर्मियों को आक्रोशित लोगों से बचाया। ग्रामीणों ने एक स्वर में महिला को मारने वाले बाघ को मौत के घाट उतारने की मांग उठाई। दो टूक चेतावनी दी की यदि लापरवाही की गई तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।
ओखलढुंगा गांव के लोगों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। बीते मंगलवार को गांव की शांति देवी (48) पत्नी नवीन जोशी को बाघ घर के समीप से घसीटकर जंगल की ओर ले गया। घटना से गांव में हड़कंप मच गया। खोजबीन करने पर कुछ दूर शांति का क्षत विक्षत शव बरामद किया गया। सूचना पर डीएफओ रामनगर दिंगथ नायक मय टीम मौके पर पहुंचे। रात को ही घटनास्थल के समीप पिंजरा लगा दिया गया। बुधवार को गमगीन माहौल में कोसी नदी स्थित मोक्ष धाम में मृतका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व रामनगर से पहुंची चिकित्सकों की विशेष टीम ने गांव में ही मृतका के शव का पोस्टमार्टम किया। गांव की महिलाओं व ग्रामीणों ने घटना के लिए वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया। आरोप लगाया की सीएम पोर्टल व लगातार वन कर्मियों को बाघ के मवेशियों पर हमले की जानकारी दी गई पर वन विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आखिरकार महिला को जान गंवानी पड़ी। कहा की महज पटाखें देकर वन विभाग इतिश्री करता रहा। इस दौरान आपा खोए ग्रामीणों ने एक वन कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगा मारपीट तक कर डाली। गांव के बुजुर्गो ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया। ग्रामीणों ने एक स्वर में बाघ को मौत के घाट उतारने की मांग उठाई। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली।
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने बिछाया जाल
ओखलढुंगा गांव में ही घटना से सख्ते में आए वन विभाग ने गांव में डेरा डाल दिया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 22 सदस्यीय विशेष टीम को गस्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि मंगलवार रात पिंजरा लगाए जाने के बाद बुधवार को दूसरा पिंजरा भी स्थापित कर दिया गया। वहीं घटना स्थल व आसपास चार लाइव कैमरे स्थापित कर बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने की कवायद तेज कर दी गई है। बाघ को ट्रैकुलाइज करने को विशेष टीम की तैनाती को भी तैयारी शुरु की गई है। खतरा न बढ़े इसके लिए गांव के लोगों को भी विशेष अहतियात बरतने को कहा जा रहा है। घटना से ओखलढुंगा के साथ ही आसपास के गांवों में भी दहशत बनी है। गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
डीएफओ दिगंथ नायक ने कहा
22 सदस्यीय टीम को गस्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चार लाइव कैमरों की मदद से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। वन कर्मी से मारपीट करना ग़लत है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है की जल्द बाघ को कैद कर लोगों को दहशत से निजात दिलाई जा सके। जल्द ही मृतका के परिवार को मुआवजा भी उपलब्ध कराया जाएगा।