🔳 नाप जमीन पर भी खदान का लगाया आरोप
🔳 उपखनिज से लदे वाहनों को नदी में रोका
🔳 मनाही के बावजूद सुध न लिए जाने पर जताई नाराजगी
🔳 अनदेखी पर दी आंदोलन की चेतावनी
🔳 शाम तक नदी क्षेत्र में ही फंसे रहे उपखनिज से लदे वाहन
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]

शिप्रा नदी में खनन कार्य से पानी के पाइप क्षतिग्रस्त होने नाप जमीन से खदान किए जाने का आरोप लगा ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। नदी क्षेत्र में हंगामा काट कार्य ठप करा दिया।नदी में बने रास्ते पर पत्थर डाल उपखनिज से लदे वाहनों को आवाजाही रोक दी गई। घंटों तक वाहन नदी क्षेत्र में ही फंसे रहे। ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिप्रा नदी क्षेत्र में सरकार ने उपखनिज पट्टे की स्वीकृति दी है। शनिवार को स्थानीय लोग नदी क्षेत्र में जा पहुंचे। नारेबाजी कर रोष जताया। नदी क्षेत्र में बने रास्ते पर पत्थर डाल उपखनिज से लदे डंपरों को रोक लिया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नदी क्षेत्र से पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए पाइप डंपरों से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कई बार कहने के बावजूद मनमानी की जा रही है। नदी क्षेत्र में खदान में जुटे मजदूर स्थानीय लोगों के लोगों की नाप जमीन से भी खदान कर रहे हैं जिससे भविष्य में खतरा बढ़ने का अंदेशा है। आरोप लगाया कि कई बार मजदूरों को टोका भी जा चुका है बावजूद मजदूर सुबह तीन बजे से खदान कार्य में जुट जा रहे हैं। ग्रामीणों ने एक स्वर में मनमानी बर्दाश्त न किए जाने का ऐलान किया। दो टूक चेतावनी दी कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर उग्र आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। ग्रामीणों के आक्रोशित होने पर कई घंटे तक उपखनिज से लदे डंपर नदी क्षेत्र में ही फंसे रहे। इस दौरान भुवन सिंह पिनारी, प्रेमनाथ गोस्वामी, नरेंद्र सिंह पिनारी, नंदन सिंह, गोधन सिंह, केदार सिंह, सुरेश सिंह आदि मौजूद रहे।

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