🔳 हजारों किसानों को भुगतना पड़ रहा जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा
🔳 मजबूरी में बिचौलियों को औने पौने दामों पर उपज बेचना बनी मजबूरी
🔳 कई बार उठ चुकी मांग बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
🔳 किसानों ने लगाया लगातार उपेक्षा किए जाने का आरोप
[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांव सब्जी व फल उत्पादक पट्टी होने के बावजूद किसान क्षेत्र में एक अदद सब्जी मंडी के लिए भी तरस रहे हैं। मंडी न होने से किसान बिचौलियों के जाल में फंसकर औने पौने दामों पर उपज को बेचने पर मजबूर हो चुके हैं। लगातार मांग भी उठती है पर जिम्मेदारों के कानों तक आवाज ही नहीं पहुंच रही। किसानों ने एक बार फिर गांवों के मध्य में मंडी स्थापित किए जाने की मांग उठाई है।
बेतालघाट तथा पड़ोसी ताड़ीखेत ब्लॉक के अधिकांश गांवों में सब्जियों व फलों की बेहतर पैदावार होती है। जंगली जानवर व बंदर खेतीबाड़ी को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं बावजूद किसान हाड़तोड़ मेहनत कर खेतों में उत्पादन कर रहे हैं पर उपज का वाजिब दाम न मिलने से काश्तकार मायूस हो जा रहे हैं। क्षेत्र में एक भी मंडी न होने से किसानों को बिचोलियों को ही औने पौने दामों पर उपज को बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्रगतिशील किसान कृपाल सिंह मेहरा के अनुसार किसानों के हितों से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। दो ब्लॉकों के हजारों किसानों के लिए आज तक एक अदद सब्जी मंडी तक स्थापित नहीं हो सकी है। जंगली जानवरों व बंदरों से उपज को बचाने को भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है। अनदेखी का खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ रहा है। मंडी न होने किसान उपज को ट्रकों में हल्द्वानी भेजते हैं जिसमें काफि पैसा किराए के भुगतान में ही चला जाता है। कोसी घाटी जन विकास समिति के दयाल सिंह दरमाल, क्षेत्रीय जन विकास संघर्ष समिति के मनीष तिवारी, गजेन्द्र सिंह नेगी, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनोज सिंह बिष्ट, विनोद मेहरा, गोविन्द सिंह नेगी आदि गांवों के मध्य में सब्जी मंडी स्थापित किए जाने की मांग उठाई है ताकि किसान लाभान्वित हो सकें।