🔳 एनएच अफसरों के साथ विभिन्न बिंदुओं पर की विस्तार से चर्चा
🔳 वाहनों कि आवाजाही को विकल्प तलाशने के निर्देश
🔳 सुरक्षित आवाजाही को पुलिसकर्मियों की तैनाती पर दिया जोर
🔳 टीएचडीसी के विशेषज्ञों से भी की चर्चा
🔳 कैंची क्षेत्र में लगातार लग रहे जाम से निपटने को गंभीरता से कदम उठाने की कही बात
🔳 टीएचडीसी के तीन सदस्यीय विशेषज्ञों ने भी डाला डेरा

*[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]]]*

कुमाऊं की लाइफ लाइन पर क्वारब क्षेत्र में लगातार दरक रही पहाड़ी का केंद्रीय सड़क व परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा ने विभागीय अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। सुरक्षित यातायात के ठोस उपाय किए जाने के निर्देश दिए। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वैली ब्रिज समेत कई अहम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। कैंची क्षेत्र में भी जाम की समस्या से निपटने को गंभीरता से कदम उठाने की बात कही।
रविवार को केंद्रीय सड़क व परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा एनएच के अफसरों की फौज के साथ नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर क्वारब क्षेत्र में खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी पहाड़ी के हालात देखने पहुंचे। हाईवे पर करीब दो सौ मीटर दायरे में आवाजाही खतरनाक हो जाने पर चिंता व्यक्त की। एनएच के अफसरों के साथ गहन मंथन किया। वैली ब्रिज निर्माण समेत अन्य विकल्प तलाशने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने खतरा टालने को हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए साथ ही खतरे वाले स्थान पर दो सौ मीटर दायरे में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर एक एक कर वाहनों की आवाजाही कराने को कहा। एनएच प्रशासन के अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को कई अहम जानकारियां दी। करीब दो घंटे तक निरीक्षण के बाद केंद्रीय मंत्री ने टिहरी हाइड्रो डवलमेंट कारपोरेशन ( टीएचडीसी) के विशेषज्ञों से भी चर्चा की। इस दौरान एनएच चीफ दयानंद, अधिक्षण अभियंता अनिल पांक्ति, अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार, प्रवीन कुमार, सहायक अभियंता जीसी पांडे, जीके पांडे, जगदीश पपनेई आदि मौजूद रहे।

टीएचडीसी के तीन सदस्यीय विशेषज्ञों ने भी शुरु की जांच

हाईवे पर क्वारब क्षेत्र में दरक रही पहाड़ी से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सुबह से शाम तक कई बार पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों से आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। करीब डेढ़ सौ मीटर ऊंचाई से दरक रही पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने से दो सौ मीटर दायरे में वन वे आवाजाही होने से कई बार जाम की स्थिति भी पैदा हो जा रही है। पहाड़ी की लगातार बिगड़ रही स्थिति को देख एनएच प्रशासन ने स्थिति संभालने को टिहरी हाइड्रो डवलमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) को डीपीआर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है। पहले चरण का सर्वे पूरा होने के बाद रविवार को टीएचडीसी की तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम ने पहाड़ी की स्थिति का जायजा लिया। पहाड़ी के उपरी हिस्से पर पहुंचकर हाइटेक मशीनों से निरीक्षण किया। निचले हिस्से में भी गहनता से जांच की। एनएच के सहायक अभियंता जीसी पांडे के अनुसार विशेषज्ञों की टीम निरीक्षण के बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंप डीपीआर तैयार करेगी।

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