🔳पानी को लेकर चढ़ा ग्रामीणों का पारा, नारेबाजी कर जताया रोष
🔳आपत्ति के बावजूद प्राकृतिक जल स्रोत से दूसरे गांव को पानी देने का आरोप
🔳राजस्व उपनिरीक्षक से कई बार हुई तीखी बहस
🔳खैरना पुलिस की टीम ने बामुश्किल किया ग्रामीणों को शांत
🔳आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप मनमानी पर दी धरने की चेतावनी
🔳गांव के नाम पर एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने का भी जड़ा आरोप
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}}

गांव के वर्षों पुराने प्राकृतिक जल स्रोत से दूसरे गांव को पेयजल योजना के निर्माण से तमाम गांवों के बाशिंदों का सब्र जवाब दे गया। श्री कैंची धाम तहसील मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने नारेबाजी कर रोष जताया। ग्रामीणों व राजस्व उपनिरीक्षक के बीच कई बार मामला आरोप प्रत्यारोप तक पहुंच गया। ग्रामीणों ने मिलीभगत से ठेकेदार के जरिए एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। हंगामें की सूचना पर पहुंची खैरना पुलिस की टीम ने बामुश्किल ग्रामीणों को शांत किया। बाद में ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग भी उठाई।
मंगलवार को बेतालघाट ब्लॉक के तल्लाकोट, मल्लाकोट, बादरकोट, पनौराकोट समेत तमाम गांवों से महिलाएं व पुरुष श्री कैंची धाम तहसील जा धमके। गांव के वर्षों पुराने धूरापातल प्राकृतिक जल स्रोत से जबरदस्ती जजूला के तोक तक पानी ले जाने का आरोप लगाया। आक्रोशित ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा की मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वर्षों पुराने प्राकृतिक जल स्रोत से गांव को पानी ले जाने के नाम पर एक बिल्डर को लाभ दिलाने का आरोप लगाया। स्थानीय पुष्कर सिंह पनौरा ने कहा की लगातार आपत्ति के बावजूद गांव के बाशिंदों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है। एक बिल्डर को लाभ दिलाने के लिए सारा ताना बाना बुना जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता कृपाल सिंह मेहरा ने कहा की प्राकृतिक जल स्रोत पर लगातार पानी कम हो रहा है बावजूद मनमानी की जा रही है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लाभाशु सिंह ने कहा की लगातार आपत्ति किए जाने के बावजूद अनसुनी की जा रही है। ग्रामीणों ने एक स्वर में तीन ग्राम पंचायतों के प्राकृतिक जल स्रोत से पानी न दिए जाने की मांग उठाई। हंगामा बढ़ने पर चौकी पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इस बीच ग्रामीणों की राजस्व उपनिरीक्षक के साथ कई बार तीखी बहस भी हो गई। ग्रामीणों ने मिलीभगत से कार्य करने का आरोप लगाया। चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार ने बामुश्किल ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। बाद में ग्रामीणों ने एसडीएम विपिन चंद्र पंत को मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। करीब तीन घंटे तक तहसील में हंगामें का माहौल बना रहा। ग्रामीणों ने साफ कहा की मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी यदि जोर जबरदस्ती की गई तो तहसील मुख्यालय में ही धरना शुरु कर दिया जाएगा। इस दौरान प्रताप सिंह, माधो सिंह, गणेश राम, पान सिंह, कीर्तन राम, बचे सिंह, पदम सिंह, हरेन्द्र सिंह, पुष्कर सिंह, बसंत कुमार, धन सिंह, हर्षित जलाल, देवेश कुमार, तुलसी देवी, पूनम, प्रेमलता जोशी, लता देवी, खिमुली देवी, राधा देवी, शांति देवी, मुन्नी देवी समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।