🔳 हल्की सी बारिश में ही मलबे से पट जा रही बसगांव नेगुडा़ पेयजल योजना
🔳 मलबे की सफाई को पहुंचे उपभोक्ताओं ने सात घंटे चलाया सफाई अभियान
🔳 जल संस्थान पर लगाया गलत जगह से योजना निर्माण का आरोप
🔳 करोड़ों रुपये के सरकारी बजट से तैयार योजना की हालत पर जताया रोष
[[[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]
करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई पेयजल योजना निर्माण के कुछ समय बाद ही घुटने के बल आ गई है। भारी भरकम बजट से तैयार योजना से ग्रामीण बूंद बूंद पानी को मोहताज हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है की गलत जगह से योजना तैयार किए जाने से हल्की बारिश में ही योजना मलबे से पट जा रही है। सप्ताह भर से ठप पड़ी आपूर्ति को ग्रामीणों ने सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जगह जगह से मलबा हटाकर बामुश्किल सुचारु किया।
बेतालघाट ब्लॉक के बसगांव व नेगुडा़ गांव के पचास से भी अधिक परिवारों को पीने का पानी उपलब्ध कराने को 1.39 करोड़ रुपये से भी अधिक की सरकारी धनराशि खर्च कर जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजना तैयार की गई। पेयजल योजना के निर्माण को अभी कुछ समय ही बीता था की नवनिर्मित योजना ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बन गई है। हल्की सी बारिश में ही योजना मलबे से पट जा रही है। भारी भरकम बजट से बनी योजना की हालत से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। सप्ताहभर से आपूर्ति ठप होने व अधिकारियों को सूचना दाएं जाने के बावजूद सुध न लिए जाने पर स्थानीय ग्रामीण बुधवार को योजना के मुख्य स्रोत पर पहुंचे। योजना के टैक, चैंबर व जगह जगह भरे मलबे की सफाई का कार्य शुरु किया। करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने बामुश्किल थोड़ी बहुत आपूर्ति सुचारु की। स्थानीय अनूप सिंह नेगी ने आरोप लगाया की जल संस्थान ने गलत जगह का चयन कर योजना का निर्माण किया जबकि ग्रामीणों ने विभाग के आगे दूसरे स्रोत से योजना निर्माण की बात भी रखी पर अनदेखी कर दी गई जिसका खामियाजा अब गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आरोप लगाया की 1.39 करोड़ रुपये का सरकारी बजट खर्च होने के बावजूद गांव के लोगों को समुचित पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा। योजना से मलबा हटाने व सफाई के कार्य में पूर्व ग्राम प्रधान विक्रम सिंह, बालम सिंह बोहरा, नारायण सिंह बोहरा, दीपक बोहरा, श्याम सिंह, मोहन सिंह आदि जुटे रहे।